Laapataa Ladies For Oscars 2025: किरण राव के निर्देशन में बनी फिल्म 'लापता लेडीज' इस साल मार्च में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को दर्शकों और आलोचकों दोनों से ही बहुत उत्साह और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी। वहीं अब 'लापता लेडीज' को अगले साल मार्च में होने वाले 97वें अकादमी पुरस्कारों में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया है।
ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित इस मनोरंजक कहानी ने ऑस्कर 2025 में प्रवेश किया है। भारत सरकार ने 29 फिल्मों की लिस्ट में 'लापता लेडीज' को भी भेजा था। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) ने सोमवार को पुष्टि की है कि, किरण राव निर्देशित लापता लेडीज ऑस्कर 2025 के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि है।
'लापता लेडीज' फिल्म एनिमल, चंदू चैंपियन, कल्कि 2898 एडी, आतम, श्रीकांत जैसी फिल्मों के साथ कंपीट कर रही थी और अब इसे ऑस्कर में जगह मिल गई है। आमिर खान और किरण राव द्वारा सह-निर्मित इस फिल्म को अपनी अलग कहानी के कारण दर्शकों और समीक्षाकों से सकारात्मक समीक्षा मिली।
अपनी खुशी साझा करते हुए आरआईएल की मीडिया और कंटेंट बिजनेस की अध्यक्ष ज्योति देशपांडे ने कहा, ऑस्कर के लिए भारत की प्रविष्टि के रूप में लापता लेडीज का चयन मेक इन इंडिया और दुनिया को दिखाने के हमारे विजन और प्रतिबद्धता का एक सच्चा प्रमाण है।
उन्होंने कहा, इस फिल्म को पहले से ही दुनिया भर के दर्शकों से असीमित प्यार मिल चुका है। ओटीटी पर दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्मों में से एक है। जियो स्टूडियोज भारत को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा और मैं इस सम्मान और विशेषाधिकार के लिए फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया को धन्यवाद करती हूं।
'लापता लेडीज' एक ही ट्रेन में बदली हो जाने वाली दो युवा दुल्हनों की एक मज़ेदार कहानी है। नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा, स्पर्श श्रीवास्तव और रवि किशन अभिनीत, लापता लेडीज अपने अनूठे आकर्षण और हास्य को एक नए क्षेत्र में लाने के लिए तैयार है। जियो स्टूडियोज द्वारा प्रस्तुत, लापता लेडीज़ का निर्देशन किरण राव ने किया है और इसका निर्माण आमिर खान, किरण राव और ज्योति देशपांडे ने किया है।
यह फिल्म आमिर खान प्रोडक्शंस और किंडलिंग प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी है, जिसकी पटकथा बिप्लब गोस्वामी की एक पुरस्कार विजेता कहानी पर आधारित है। पटकथा और संवाद स्नेहा देसाई द्वारा लिखे गए हैं, जबकि अतिरिक्त संवाद दिव्यनिधि शर्मा द्वारा लिखे गए हैं।