फाइटर और तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया बॉक्स ऑफिस पर हांफ रही है और ऐसे में सिनेमाघरों में कोई ऐसी फिल्म नजर नहीं आ रही है जिसे देखने के लिए दर्शक उतावले हो कर टिकट खरीद ले। रितिक रोशन, शाहिद कपूर, दीपिका पादुकोण, कृति सेनन जैसे सितारे भीड़ नहीं खींच पा रहे हैं तो ऐसे में नॉन स्टारकास्ट वाली फिल्मों से क्या उम्मीद रखी जाए।
वैसे भी परीक्षाओं का मौसम शुरू हो चुका है और ऐसे में बड़े बजट की फिल्में रिलीज नहीं होती। युवा विद्यार्थी पढ़ाई के कारण सिनेमाघर से दूरी बना लेते हैं तो छोटे बच्चों के कारण उनके माता-पिता भी सिनेमाघर नहीं जाते, लिहाजा सिनेमाघरों के लिए मुश्किल समय शुरू हो जाता है।
बहरहाल, कम बजट की और सितारा विहीन फिल्मों के लिए ये माहौल अवसर बन जाता है क्योंकि उनकी फिल्मों को थिएटर में जगह मिल जाती है। यही कारण है कि 16 फरवरी को एक-दो नहीं बल्कि पूरी 7 फिल्में रिलीज हो रही हैं, जिनके नाम जान लीजिए:
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कुछ खट्टा हो जाए
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आखिर पलायन कब तक
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दशमी
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खुदाई
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जगतगुरु श्री रामकृष्ण
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मैडम वेब (डब)
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वूडू इज़ बैक (डब)
शर्त लगाई जा सकती है कि इनमें से आपने इक्का-दुक्का नाम ही सुने होंगे। जब नाम ही नहीं सुने हैं तो थिएटर में भला कौन देखने जाएगा इन फिल्मों को। हो सकता है कि एक-दो की रिलीज टल जाए।
बहरहाल, बॉक्स ऑफिस की दृष्टि से इन फिल्मों से कोई उम्मीद नहीं है। सभी की शुरुआत अच्छी तो नहीं रहेगी, ये तो आसानी से कहा जा सकता है। कोई फिल्म अच्छी निकली, जिसकी संभावना बहुत कम है, तो ही वो पिक अप कर सकती है। यानी यह सप्ताह भी फिल्म बिजनेस की दृष्टि से खराब रहने वाला है।
कुछ खट्टा हो जाए
कुछ खट्टा हो जाए का ही थोड़ा प्रचार-प्रसार हो रहा है। इस फिल्म में गुरु रंधावा और सई मांजरेकर लीड रोल में हैं। फिल्म का निर्देशन जी अशोक ने किया है।