अपनी सनसनीखेज और बेबाक टिप्पणियों के लिए पहचाने जाने वाले गायक अभिजीत भट्टाचार्य अब मूषक पर आ गए हैं। सोशल मीडिया के इस माध्यम के जरिये वे अपने दिल की बात कहेंगे। सवाल उठता है कि मूषक है क्या? आसान शब्दों में कहे तो ट्विटर का देशी विकल्प।
2015 में प्रयास किया गया था, लेकिन मामला जमा नहीं। इसके संस्थापक अनुराग गौड़ ने बताया कि 2 जुलाई से इसे नए सिरे से फिर लाया गया है और तीन सप्ताह के अंदर इसकी प्रगति देखने लायक है। स्वामी रामदेव से लेकर कई पत्रकार इससे जुड़ गए हैं।
यहां शब्द सीमा पांच सौ अक्षर है और खाता बनाना भी आसान है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह स्वदेशी है। कई फीचर से लैस मूषक भारत की सभी भाषाओं में उपलब्ध होगा। अनुराग के अनुसार ट्विटर अंग्रेजी को ज्यादा महत्व देता है, लेकिन मूषक भारतीय भाषाओं को महत्व देते हुए छोटे से गांव में रहने वाले नागरिक तक भी पहुंचेगा।
अभिजीत भट्टाचार्य और ट्विटर के बीच हुए विवाद को सभी जानते हैं। अभिजीत का कहना है कि उनके खिलाफ एकतरफा निर्णय लिया गया है। वे मूषक से इस उम्मीद के साथ जुड़े हैं कि यह सही मायनों में भारत की आवाज बन सकेगा। पुणे की उपज इस स्वदेशी विकल्प से गंभीर लेखकों को भी जोड़ा जा रहा है ताकि चर्चाओं का स्तर बना रहे। यह डिजिटल भारत में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। स्वदेशी अपनाओ के नारे लगाने वालों को इससे तुरंत जुड़ना चाहिए।