हाल ही में ऑस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान ने दावा किया था कि बॉलीवुड में एक ऐसा गैंग है जिसके कारण उन्हें काम मिलने में अड़चन आ रही है। वहीं, खबरों की मानें तो उन्हें काम नहीं मिलने की असल वजह बॉलीवुड की गुटबाजी नहीं है बल्कि उनका पब्लिशिंग राइट्स को अपने पास रखने की जिद्द है।
एक एंटरटेनमेंट वेबसाइट से बात करते हुए एक बड़े संगीतकार ने बताया कि “एक समय था जब बॉलीवुड का हर बड़ा निर्देशक एआर रहमान के साथ काम करना चाहता था। वे अब भी चाहते हैं। लेकिन एक समस्या है। रहमान अपने साउंडट्रैक के पब्लिशिंग राइट्स को अपने पास रखना चाहते हैं। कोई भी निर्माता किसी भी संगीतकार को ये राइट नहीं देगा, कम से कम भारत में तो नहीं।”
कई बड़े बैनरों के साथ काम कर चुके संगीतकार कहते हैं कि बॉलीवुड में काम की कमी के लिए रहमान का बॉलीवुड में एक ‘गिरोह’ को दोष देना गलत है। उन्होंने कहा, “2003 में शाहरुख खान और करण जौहर ने रहमान को ‘कल हो ना हो’ ऑफर की थी। लेकिन जब उन्होंने पब्लिशिंग राइट्स की मांग की तो उन्होंने शंकर-ईशान-लोय को साइन कर लिया। और करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस ने कभी रहमान के साथ काम नहीं किया।”
संगीतकार का कहना है कि इसमें कुछ भी अनुचित नहीं है। उन्होंने कहा, “सिनेमा भी बाकी बिजनेस जैसा है। करण जौहर क्यों अपने व्यावसायिक हितों की रक्षा नहीं करेंगे? मैं यह नहीं कह रहा हूं कि रहमान का पब्लिशिंग राइट्स मांगना गलत है। लेकिन हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री में लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मोहम्मद रफी और आशा भोंसले जैसे लीजेंड्स को पब्लिशिंग राइट्स नहीं मिले। रहमान का ऐसा उम्मीद करना अव्यावहारिक है।
बताते चलें, एआर रहमान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक गैंग मेरे खिलाफ काम कर रहा है, जो मुझे काम मिलने से रोक रहा है। मैं अच्छी फिल्मों को मना नहीं करता लेकिन एक गैंग किसी गलतफहमी में गलत अपवाह फैला रहा है।