अदालत ने मध्यप्रदेश में फिल्म 'पद्मावत' को प्रदर्शित करने के लिए हरी झंडी दिखा दी है। पुलिस सिनेमाघर वालों से कह रही है कि आप फिल्म रिलीज करो, हम सुरक्षा करेंगे। थिएटर के आसपास किसी असामाजिक तत्व को फटकने भी नहीं देंगे। खबर भी जारी हो गई है कि 'पद्मावत' आठ फरवरी को प्रदर्शित हो रही है, लेकिन माहौल इसके उलट है।
फिल्म की ऑनलाइन बुकिंग नहीं शुरू हुई है। सिनेमाघर से भी टिकट नहीं दिए जा रहे हैं। कोई भी इस बारे में बात करने के लिए तैयार नहीं है। सिनेमाघर पर बात करने की कोशिश की गई तो गोलमोल जवाब दिए गए। वे निश्चिंत ही नहीं है कि फिल्म उनके सिनेमाघर में लगेगी या नहीं।
आखिर क्या वजह है कि देश भर में धूम मचाने वाली फिल्म 'पद्मावत' को सिनेमाघरों में लगाने से हिचकिचाहट दिखाई जा रही है। दबे स्वरों में कहा जा रहा है कि सरकार ही नहीं चाहती कि 'पद्मावत' सिनेमाघरों में रिलीज हो। सूत्रों के अनुसार इस तरह की 'विनती' कर दी गई है। सिनेमाघर वाले सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
ये बात तो तय है कि सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में फिल्म नहीं लगेगी। मल्टीप्लेक्स वाले ही हिम्मत दिखा रहे हैं। वे बिना किसी शोर-शराबे के फिल्म को अपने सिनेमाघरों में दिखाना चाहते हैं।
कुछ मल्टीप्लेक्स वाले भी नहीं चाहते कि अब 'पद्मावत' को अपने थिएटर में स्थान दे। उनका मानना है कि कई लोगों ने इंटरनेट के जरिये यह फिल्म देख ली है। उनका ध्यान 'पैडमैन' की ओर है। वे नहीं चाहते कि पद्मावत के हंगामे का असर पैडमैन के व्यवसाय पर पड़े क्योंकि पिछले कुछ दिन मध्यप्रदेश में बॉक्स ऑफिस के लिहाज से सूखे रहे हैं।
बहरहाल, उम्मीद तो है कि मध्यप्रदेश के कुछ शहरों के कुछ सिनेमाघरों में आठ फरवरी से 'पद्मावत' देखने को मिलेगी। यदि हालात ठीक-ठाक रहे तो एक-दो दिन में पूरे प्रदेश में फिल्म रिलीज हो जाएगी।