नए चेहरों को लेकर फिल्म बनाना हिम्मत भरा काम है, लेकिन सलमान को यह करने में मजा आता है। सोनाक्षी सिन्हा, ज़रीन खान को उन्होंने अपने साथ लांच किया था। अथिया शेट्टी और सूरज पंचोली को लेकर उन्होंने 'हीरो' बनाई। लवयात्री में उन्होंने अपने जीजा आयुष शर्मा को लिया और हीरोइन के रूप में वरीना हुसैन को चुना।
यह फिल्म रिलीज हो चुकी है और दर्शकों की प्रतिक्रिया मिक्स है। फिल्म में घर का हीरो है इसलिए सलमान ने प्रमोशन में कोई कसर बाकी नहीं रखी। फिल्म बनाने में भी कोई समझौता नहीं किया।
फिल्म का संगीत तो बेहद शानदार है। गाने युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हुए हैं। कमी है तो कहानी में। आश्चर्य की बात है कि फिल्म पर इतना पैसा खर्च किया गया, लेकिन ढंग की कहानी नहीं चुनी गई।
कहानी में बिलकुल नयापन नहीं है। सत्तर और अस्सी के दशक में इस तरह की कहानी पर सैकड़ों फिल्में बन चुकी हैं। कहानी बासी हो और प्रस्तुतिकरण में ताजगी हो तो भी बात बन जाती है, लेकिन यहां पर भी फिल्म मार खा गई।
मधुर संगीत, शानदार सेट, हीरो-हीरोइन का पहली फिल्म के हिसाब से अच्छा परफॉर्मेंस, जबरदस्त प्रमोशन को अच्छी कहानी का साथ मिल जाता तो बॉक्स ऑफिस पर लवयात्री की यात्रा सुखद हो जाती।