सेन्ट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तथा वरिष्ठ पत्रकार, फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे का बुधवार को निधन हो गया। वह बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका निधन इंदौर में दिल का दौरा पड़ने की वजह से 82 वर्ष की उम्र में हुआ। वह फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे थे।
जयप्रकाश चौकसे के बेटे राजू चौकसे ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, घर में आराम कर रहे मेरे पिता को अचानक दिल का दौरा पड़ा। उनके बेसुध होने पर मेरी डॉक्टर पत्नी ने जांच की, तो पता चला कि उनका निधन हो चुका है।
राजू चौकसे ने बताया कि उनके पिता पिछले सात साल से फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित थे और विगत तीन महीने से उनकी तबीयत ज्यादा खराब चल रही थी।
जयप्रकाश चौकसे ने शायद (1979), कत्ल (1986) और बॉडीगार्ड (2011) सरीखी हिन्दी फिल्मों की पटकथा तथा संवाद लिखे थे। उन्होंने महाभारत पर आधारित एक टीवी धारावाहिक के लेखन विभाग के प्रमुख का जिम्मा भी संभाला था।
जयप्रकास चौकसे ने एक हिन्दी अखबार में लगातार 26 साल 'पर्दे के पीछे' के शीर्षक से रोजाना स्तंभ लिखा जिसमें वह फिल्म संसार के अलग-अलग पहलुओं पर बात करते थे। उन्होंने 4 दिन पहले ही 'पर्दे के पीछे' की अंतिम किस्त लिखकर इसे विराम दिया था।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जयप्रकाश चौकसे के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, अद्भुत लेखन प्रतिभा के धनी, हिन्दी फिल्म जगत पर लगभग तीन दशक तक लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश चौकसे जी के निधन की खबर दुखद है।
मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर आगे लिखा, ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपनी रचनाओं से आप (चौकसे) सदैव हमारे बीच बने रहेंगे।