परदे पर सनी देओल भले ही सख्त नजर आते हों, लेकिन बात जब फैमिली की आ जाती है तो उनका दिल बहुत नरम हो जाता है। देओल फैमिली के मेंबर्स आपस में एक-दूसरे को कितना चाहते हैं ये बात किसी से छिपी नहीं है।
अपने बेटे करण देओल को लेकर सनी इतने प्रोटेक्टिव हैं कि करण की पहली फिल्म खुद ही निर्देशित कर डाली बजाय किसी दूसरे डायरेक्टर से डायरेक्शन करवाने के। इसको लेकर सनी को खासा नुकसान भी उठाना पड़ा है क्योंकि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पानी भी नहीं मांगा।
किसी भी देओल की पहली फिल्म की इतनी बुरी हालत नहीं हुई जितनी की करण देओल की 'पल पल दिल के पास' की हुई है। सनी इस बात से दु:खी हैं कि फिल्म न दर्शकों को पसंद आई और न ही क्रिटिक्स को।
बात यहां तक भी ठीक थी, लेकिन करण देओल की जिस तरह से आलोचना की गई है उससे सनी को ठेस पहुंची है। सूत्र बताते हैं कि फिल्म को निगेटिव रिव्यूज़ मिले हैं, लेकिन जिस तरह से बजाय फिल्म की अच्छाई या बुराई के बारे में बात करने के, करण देओल पर पर्सनल अटैक किए गए हैं, वो बात सनी को पसंद नहीं आई है।
सनी को ये सब बातें सुन या पढ़ कर गहरा दु:ख हुआ है। लेकिन अब वे कर भी क्या सकते हैं? बेहतर होगा कि करण को लेकर एक ऐसी फिल्म बनाए जो लोगों को चुप करा दे। इससे बेहतर कोई जवाब नहीं होगा।