सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद बॉलीवुड में नेपोटिज्म का मुद्दा फिर से गरमाया हुआ है। पुलिस ने अपनी जांच में उनकी मौत को सुसाइड बताया है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लगातार इसपर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसी बीच शेखर सुमन भी लगातार सुशांत को न्याय दिलाने के लिए बयान और इंटरव्यूज दे रहे हैं।
वहीं अब सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने आरोप लगाया है कि शेयर सुमन और प्रोड्यूसर संदीप सिंह राजनीति के लिए सुशांत की मौत का इस्तेमाल कर रहे हैं। शेखर सुमन और संदीप सिंह ने मंगलवार राष्ट्रीय जनता दल के बैनर के तले तेजस्वी यादव की मौजूदगी में सुशांत सिंह की मौत को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसके तुरंत बाद शेखर सुमन ने राष्ट्रीय जनता दल पार्टी की सदस्यता भी स्वीकारी है।
परिवार ने प्रेस कांफ्रेस पर नाराजगी जाहिर की है। शेखर सुमन ने पहले कांग्रेस के टिकट से बिहार में चुनाव लड़ा था। सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने कहा, मुंबई में सारी जांच चल रही है और राजनीतिक बैनर के तहत पटना में मीडिया बाइट देना सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए है।
परिवार न्याय मांगने में सक्षम है और पुलिस जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है और किसी भी तरह की राजनीति का स्वागत नहीं कर रहा है। राजनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। परिवार में पहले से ही राजनीतिक लोग हैं जो इन बातों को उठाएंगे।
पटना में हुए इस प्रेस कांफ्रेस के बारे में सुशांत के परिवार के किसी व्यक्ति को सूचित नहीं किया गया था। उन्होंने साफ कहा कि सुशांत के नाम पर राजनीति करना गलत है। साथ ही सुशांत की फैमिली उनके दोस्त संदीप सिंह से भी नाखुश है।
संदीप ने सुशांत की मौत के तुरंत बाद मीडिया से बात की थी। संदीप ने तेजस्वी यादव और शेखर सुमन के साथ भी मंच साझा किया। सवाल है कि जब संदीप ने अपने बयान में पहले ही बॉलीवुड की हस्तियों को पहले ही क्लीन चिट दे दी थी तो फिर शेखर सुमन के माध्यम से मीडिया में क्यों गए?
संदीप ने मीडिया को दिए बयान में कहा था कि बताया जा रहा है सुशांत सिंह राजपूत को 6-7 फिल्मों से निकाल दिया गया था, जिसे लेकर वे डिप्रेशन में थे। लेकिन लोगों को नहीं पता कि खुद सुशांत ने अपने करियर में 30-40 फिल्में छोड़ दीं थीं। संदीप ने कहा कि सुशांत को बड़े-बड़े लोगों के साथ बड़ी-बड़ी फिल्मों में काम नहीं मिलने की बात भी गलत है।
संदीप ने कहा था कि अगर पक्षपात होता, तो सुशांत को आदित्य चोपड़ा के साथ दो फिल्मों, करण जौहर, नीतेश तिवारी जैसे बडे डायरेक्टर और साजिद नाडियादवाला जैसे बड़े प्रोड्यूसर्स के साथ काम करने का मौका नहीं मिलता और ऐसे में यह कहना की बॉलीवुड में उनकी उपेक्षा की जा रही थी, गलत होगा।