बॉलीवुड एक्टर ताहिर राज भसीन लद्दाख में पहली बार शूटिंग करने को लेकर रोमांचित हैं। अपनी डिजिटल सीरीज 'ये काली काली आंखें' की शूटिंग करने के लिए ताहिर करीब दो हफ्ते तक लद्दाख के दर्शनीय और मनोहर इलाके में मौजूद होंगे।
ताहिर ने खुलासा किया, लद्दाख का लैंडस्केप भव्य है और शूटिंग करने के लिए यह ख्वाबों की जगह है। अगले कुछ दिनों के दौरान 'ये काली काली आंखें' सीरीज की शूटिंग के सिलसिले में हम जिस तरह के दृश्यों को फिल्माने जा रहे हैं, उनकी विशालता और अहसास लद्दाख के पहाड़ों और ऊंचाइयों की अलौकिक सुंदरता में रचा-बसा हुआ है।
उन्होंने कहाल मैं लक्ष्य, जब तक है जान और 3 इडियट्स जैसी फिल्में देख-देख कर बड़ा हुआ हूं, जो लद्दाख के आइकॉनिक सीक्वेंसों में फिल्माई गई थीं। मैं हमेशा से इस अनूठे इलाके में शूटिंग करना चाहता था।
ताहिर ने किशोरवय में लद्दाख की यात्रा की थी और उन छुट्टियों की अद्भुत यादें उनके मन में बसी हुई हैं। उनका कहना है, पिछली बार मैं 16 बरस की उम्र में लद्दाख गया था। मुझे अपने माता-पिता के साथ लंबी सैर पर निकलना और बौद्ध मंदिरों को करीब से देखना अच्छी तरह से याद है।
उन्होंने कहा, मुझे यह भी याद है कि हम एक बेहद मनोरम यात्रा करते हुए पैंगॉन्ग्सो झील पहुंचे थे और मैंने अपने छोटे भाई के साथ बेहद लजीज ठुकपा और मोमोज का जायका चखा था। वहां बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है और जोरों की हवा भी चलती है, इसलिए मैं इस बार कोई चांस नहीं लेना चाहता और सुरक्षा के ऐतबार से मैंने दो गर्म जैकेट रख लिए हैं।
ताहिर के मन में दोबारा लद्दाख जाने की तमन्ना हमेशा से दबी पड़ी थी। वह बताते हैं, मेरे मन में यात्रा करने का जुनून सवार रहता है। पिछले साल भर से शहर में कैद होकर रह जाने की वजह से देश के कोने-कोने में घूमने तथा उनकी खूबसूरती के विभिन्न रंग देखने की इच्छा ने और जोर पकड़ लिया है।
वह आगे बताते हैं, “जब दूर की किसी यात्रा में कुदरत और लद्दाख जैसी खास जगह की पृष्ठभूमि वाले ऑउटडोर का संगम हो जाए, और इस सबका तालमेल काम करने की संतुष्टि के साथ बैठता हो, तो वह यात्रा सचमुच एक कंपलीट पैकेज बन जाती है। मैं पंद्रह सालों बाद लद्दाख लौट रहा हूं और इस वापसी की इससे बेहतर वजह और भला क्या हो सकती है कि मैं अपनी एक नई डिजिटल सीरीज की शूटिंग करने वहां जा रहा हूं।