जिंदगी और मौत के बीच छिपी सच्चाई का पता लगाने के चक्कर में हम कई बार इतने उलझ जाते हैं कि सच से कोसों दूर हो जाते हैं। कहानीकार सुधांशु राय की ताज़ातरीन मिस्ट्री थ्रिलर शॉर्ट स्टोरी 'द मिसिंग आवर' ऐसी ही एक कहानी है जो जिंदगी की घटनाओं के बीच दबे-छिपे सच का पता लगाती है।
इस कहानी की प्रमुख किरदार सुरभि एक संभ्रांत घराने की महिला हैं जिनका यह कहना है कि पिछले करीब एक महीने से उनके साथ कुछ अजीबोगरीब घटनाएं घट रही हैं। हर सुबह जब सुरभि सोकर उठती है तो उसके बंगले के सभी दरवाजे खुले मिलते हैं, उसके बिस्तर के नीचे एक मृत जानवर होता है और उसके तकिए के नीचे कागज़ की एक पर्ची पर खुद उसकी हैंडराइटिंग में कुछ ऐसा लिखा होता है जिसे पढ़ा नहीं जा सकता।
यहां तक कि उसका यह भी कहना है कि वह हर रात करीब 2 बजे उठती है, लेकिन उसके बाद उसके साथ क्या होता है, यह उसे याद नहीं रहता। और भी हैरानी की बात तो यह है कि उसके घर के सामने कई लोगों की जलकर मौत हो चुकी है। डिटेक्टिव बूकराह सच्चाई का पता लगाने के लिए एक मुर्दाघर से पड़ताल करते है। उन्हें तलाश है उस लाश की जिसकी उंगली में नीलम की अंगूठी है।
लेकिन जब वह उस लाश के नज़दीक जाकर देखते हैं तो उन्हें पता चलता है कि जली हुई उंगली पर अंगूठी का निशान तो है, लेकिन अंगूठी गायब है। उनके हाथ कोई सुराग नहीं लगता और तब बूमराह ने अपने सहायक सैम तथा एक अन्य सहयोगी डॉ शेखावत के साथ सुरभि के बंगले में रात बिताने का फैसला किया। और उन्हें दिल दहला देने वाली घटनाएं देखने को मिलीं।
अब सवाल यह उठता है कि मुर्दाघर से अंगूठी कैसे गायब हो गई? आखिर सुरभि के व्यवहार में ऐसा क्या था जिसने सैम को चौंका दिया था? उस रात क्या कुछ हुआ जब डिटेक्टिव बूमराह ने सुरभि के बंगले में रात बिताई। यह पता लगाने के लिए, पूरी कहानी सुनें...