वहीदा रहमान को भारत का सर्वोच्च फिल्म सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार
वहीदा का नाम हिंदी फिल्मों की बेहतरीन अभिनेत्रियों में लिया जाता है
अपने अभिनय से करोड़ों दिल जीतने वाली फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान को सिनेमा के सबसे बड़े पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी। वहीदा इस अवॉर्ड की सही मायनों में हकदार भी हैं।
वहीदा रहमान, एक ऐसा नाम जो हिंदी सिनेमा की दुनिया में प्रतिभा और कालातीत सुंदरता के साथ गूंजता है, ने उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी है। 3 फरवरी, 1938 को जन्मी वह भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों में से एक बनकर उभरीं।
फिल्म उद्योग में उनकी यात्रा 1950 के दशक के अंत में शुरू हुई। गुरुदत्त ने वहीदा की प्रतिभा को पहचाना और सितारा बना दिया। गुरुदत्त की "प्यासा," "कागज के फूल," और "चौदहवीं का चांद" भारतीय सिनेमा की धरोहर हैं जिनके वहीदा ने अपनी अभिनय क्षमता को प्रदर्शित किया और उन्हें अपने समय की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक के रूप में स्थापित किया।
विविध प्रकार की भूमिकाएँ निभाने की उनकी क्षमता वहीदा रहमान को अलग करती थी। चाहे वह "गाइड" में रहस्यमय रोजी हो या "कागज़ के फूल" में मासूम शांति, उन्होंने सहजता से अपने किरदारों को जीवंत कर दिया।
वहीदा रहमान ने देव आनंद, राज कपूर, गुरुदत्त, अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना सहित अपने युग के अन्य प्रमुख अभिनेताओं के साथ भी स्क्रीन साझा की।
भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार शामिल हैं। 2011 में, कला में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
अपने बाद के वर्षों में भी वहीदा रहमान का करिश्मा कम नहीं हुआ। "रंग दे बसंती" और "दिल्ली-6" जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं ने उनकी स्थायी प्रतिभा और बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित किया।
अपने अभिनय करियर से परे, वह सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं और वंचित बच्चों के कल्याण के लिए काम किया है।
हिंदी सिनेमा में वहीदा रहमान की विरासत सिर्फ उनके अभिनय कौशल के बारे में नहीं है, बल्कि उनकी शाश्वत सुंदरता और अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने की उनकी क्षमता भी है। वहीदा ने सिल्वर स्क्रीन पर एक अमिट छाप छोड़ी है और उनका नाम हिंदी फिल्मों की बेहतरीन अभिनेत्रियों में लिया जाता है।