बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म 'आई वांट टू टॉक' को लेकर सुखिँयों में हैं। इस फिल्म में उनके किरदार की गहरी इमोशनल जर्नी दिखाई जाएगी। यह फिल्म एक इंसान की कहानी है जिसे यह बताया जाता है कि उसके पास सिर्फ 100 दिन हैं। ऐसे में फिल्म में मौत, आत्म-चिंतन और अंत की अहमियत को गहराई से दिखाया गया है।
अभिषेक बच्चन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी आने वाली फिल्म आई वांट टू टॉक में अर्जुन सिंह के किरदार के साहस और मजबूत इरादे के बारे में एक व्यक्तिगत और इमोशनल बात की। उन्होंने बताया कि फिल्म में अपने किरदार की मुश्किलों का सामना करते हुए, उन्हें अपनी बेटी आराध्या से मिली महामारी के दौरान की एक अहम सीख से मदद मिली।
अभिषेक को वह समय याद आया जब आराध्या, एक छोटी बच्ची के रूप में, एक किताब पढ़ रही थी। किताब में एक लाइन थी जिसने उनके दिल को छू लिया। किताब के पात्र ने कहा कि सबसे बहादुर शब्द 'मदद' है, क्योंकि मदद मांगने का मतलब है कि आप आगे बढ़ते रहना चाहते हैं और चुनौतियों का सामना करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'इसका मतलब है कि आप हारनहीं मान रहे हैं। आप आगे बढ़ने के लिए जो भी करना होगा, करेंगे।'
अभिषेक इसे अपने किरदार अर्जुन की एक अहम खूबी मानते हैं, जो बड़े संघर्षों का सामना करने के बावजूद हार मानने से इंकार करता है। उन्होंने कहा, वह मदद मांगने से नहीं डरता। वह अस्पताल जाने से नहीं डरता। वह हार नहीं मानता। अभिषेक ने यह भी बताया कि अर्जुन कैसे जीवन भर की कठिनाइयों के बावजूद भी हिम्मत दिखाता है और आगे बढ़ता रहता है।
उन्होंने कहा, कोई भी व्यक्ति जो उन चीजों से निपट चुका है जिनसे वह निपट चुका है और अभी भी निपट रहा है, उसके लिए 31 साल बाद तंग आकर यह कहना बहुत आसान है कि 'बहुत हो गया है, अभी और नहीं करना है'। लेकिन नहीं, यह सच है कि वह अभी भी इसमें लगा हुआ है, अभी भी कोशिश कर रहा है... यही बात उसे असल में साहसी बनाती है।
शूजित सरकार द्वारा डायरेक्टेड, 'आई वांट टू टॉक' 22 नवंबर, 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म में जॉनी लीवर और अहिल्या बामरू भी हैं और इसका निर्माण राइजिंग सन फिल्म्स के तहत रॉनी लाहिड़ी और शूजीत सरकार द्वारा किया गया है।