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प्राण को बहुत पहले मिलना चाहिए था ‘फाल्के’ : इरफान

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नई दिल्ली , रविवार, 5 मई 2013 (10:33 IST)
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नई दिल्ली। मौजूदा वक्त को हिन्दी सिनेमा का बेहद मजेदार दौर बताते हुए फिल्म ‘पानसिंह तोमर’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले कलाकार इरफान खान कहते हैं कि हिन्दी फिल्मों के अजीम खलनायक प्राण को बहुत पहले दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिल जाना चाहिए था।

इरफान ने खास मुलाकात में बताया कि प्राण साहब हिन्दी फिल्मों की ‘आइकॉन’ शख्सियत हैं और उन्हें बहुत पहले देश के सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार से नवाजा जाना चाहिए था। देर से ही सही मगर हिन्दी फिल्मों के शताब्दी वर्ष में उन्हें (प्राण) यह पुरस्कार मिलना बेहद सम्मानजनक है।

हालांकि ऑस्कर विजेता फिल्म ‘स्लमडाग मिलियनेयर’ के अभिनेता इरफान ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि प्राण साहब खराब सेहत के चलते पुरस्कार समारोह में शिरकत नहीं कर सके। उनके साथ होना हमारे लिए अविस्मरणीय क्षण होता। हम सभी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

फिल्म ‘हासिल’ के लिए 2003 में सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार जीतने वाले अभिनेता ने कहा कि यह महज संजोग है कि हिन्दी सिनेमा के शताब्दी वर्ष में दो दोस्तों (इरफान एवं तिग्मांशु) को राष्ट्रीय पटल पर एकसाथ पुरस्कृत किया गया। इस मित्रता की शुरुआत राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में पढ़ाई के दौरान हुई थी।

तिग्मांशु धुलिया और इरफान खान ने फिल्म जगत में अपने सफलता के सफर की शुरुआत ‘हासिल’ फिल्म के साथ की थी। दोनों आज भी एक-दूसरे के साथ काम करने को अधिक तरजीह देते हैं।

इरफान ने कहा कि यह हिन्दी सिनेमा का काफी मजेदार दौर है जिसमें निर्देशकों की नई पीढ़ी नवीन अवधारणा और नए प्रयोगों को रजत पटल पर उतारा जा रहा है। इस दौर में हिन्दी सिनेमा की नई परिभाषा गढ़ने के लिए मजेदार प्रयोग हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि हिन्दी सिनेमा में इस वक्त ‘वास्तविकता का दौर’ आया है जिसमें कहानी, अभिनय और उसकी प्रस्तुति (ट्रीटमेंट) में भी यथार्थ को प्रधानता दी जा रही है। यह अभिनय को नई ऊंचाई पर ले जा रहा है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार शुक्रवार को प्रदान किए। इसमें एथलीट से डकैत बने पानसिंह तोमर की कहानी पर बनी फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए स्वर्ण कमल और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए रजत कमल के राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया।

पुरस्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए इरफान ने कहा कि इस पुरस्कार के बाद मेरे चाहने वालों के चेहरे के भाव देखकर ऐसा लगता है, जैसे यह पुरस्कार उन्हें दिया गया हो। यही मेरे लिए सच्चा पुरस्कार है। (भाषा)

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