‘साँवरिया’ का संगीत हिट हुआ, लेकिन फिल्म नहीं चली। यही हाल ‘चमकू’ का भी रहा। इन दोनों फिल्मों में मोंटी शर्मा का संगीत था। लोग कहते हैं कि फिल्म भले ही न चले, लेकिन मोंटी का संगीत जरूर चलता है।
मोंटी का तुलसी कुमार के साथ किया गया एलबम शीघ्र जारी होने वाला है। इसे स्विट्ज़रलैंड में फिल्माया गया है। इसके साथ ही मोंटी ‘राइट या रांग’, दीपक तिजोरी की ‘फॉक्स’, नीरज वोरा की ‘रन भोला रन’, मेघना गुलतार की ‘मिलते हैं’ और शत्रुघ्न सिन्हा की ‘आज फिर जीने की तमन्ना है’ में भी संगीत दे रहे हैं।
दिन में 18 घंटे तक काम करने वाले मोंटी साँईबाबा के भक्त हैं और अकसर शिर्डी जाते हैं। वे कहते हैं ‘फिल्म और साँईबाबा के मामले में मैं कभी समझौता नहीं कर सकता।‘
मोंटी ‘वाइस ऑफ इंडिया’ में जज की भूमिका भी निभा रहे हैं। पिछले दिनों एक प्रतियोगी शिखा को बाहर निकाला गया तो मोंटी दु:खी हो गए। बाद में उन्होंने गुजरात की इस लड़की को ‘फॉक्स’ में गाने का मौका दे दिया।
बॉलीवुड में मोंटी ने अपनी पहचान बना ली है और उन्हें भविष्य का सफल संगीतकार माना जा रहा है।