आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी फिल्म इंडस्ट्री में मृदु स्वभाव के कारण जाने जाते थे, लेकिन एक बार उनकी कोकिल कंठ लता मंगेशर के साथ अनबन हो गई थी।
रफी ने लता के साथ सैकड़ों गीत गाए थे, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था जब रफी ने लता से बातचीत तक करनी बंद कर दी थी। लता गानों पर रॉयल्टी की पक्षधर थीं जबकि रफी ने कभी भी रॉयल्टी की मांग नहीं की।
रफी साहब मानते थे कि एक बार जब निर्माता ने गाने के पैसे दे दिए तो फिर रॉयल्टी किस बात की मांगी जाए। दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर के बीच बातचीत भी बंद हो गई और दोनों ने एक साथ गीत गाने से इंकार कर दिया। हालांकि चार वर्ष के बाद अभिनेत्री नरगिस के प्रयास से दोनों ने एक साथ एक कार्यक्रम में दिल पुकारे गीत गाया।
अपनी आवाज के जादू से श्रोताओं को भावविभोर करने वाले महान पार्श्व गायक मोहम्मद रफी 31 जुलाई 1980 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।