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नन्हे जैसलमेर : नन्हा प्रशंसक

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हमें फॉलो करें नन्हे जैसलमेर बॉबी देओल

समय ताम्रकर

निर्माता : के सेरा सेरा
निर्देशक : समीर कर्णिक
संगीत : हिमेश रेशमिया
कलाकार : बॉबी देओल, द्विज यादव, वत्सल सेठ

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‘नन्हे जैसलमेर’ कहानी है नन्हे की, जो राजस्थान में रहता है। नन्हे की उम्र दस वर्ष है। वह गुटखा चबाता है। स्कूल जाने के नाम से ही उसको चिढ़ है। चार विदेशी भाषाएँ वह बोल लेता है, लेकिन है अँगूठा छाप। नन्हे बड़ा हिम्मत वाला लड़का है। दस वर्ष की उम्र में ही पूरे घर का खर्चा वह अपने नाजुक कंधों पर उठाता है। एक आम बच्चे की तरह उसके भी सपने हैं, कुछ कल्पनाएँ हैं।

वह फिल्म स्टार बॉबी देओल का बहुत बड़ा प्रशंसक है। दुनिया का सबसे बड़ा प्रशंसक। उसका कमरा अपने प्रिय स्टार के फोटो और पोस्टरों से भरा पड़ा है। बॉबी के बारे में अखबारों में छपी खबरों और लेखों की ढेर सारी कटिंग उसके पास मौजूद है। उसने बॉबी की सभी फिल्में देखी हैं।

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अपनी बहन सुमन की मदद से वह अपने दोस्त बॉबी देओल को रोजाना एक खत लिखता है। इस खत में वह अपने दिल की सारी बातें लिख देता है। अपनी जिंदगी में रोजाना घटने वाले घटनाक्रम का उल्लेख करता है। सोते, जागते, खाते-पीते वह सिर्फ बॉबी के बारे में सोचता रहता है।

उसका एक ही सपना है। फिल्म स्टार या खिलाड़ी बनने का नहीं, बल्कि जिंदगी में एक बार अपने प्रिय कलाकार से मिलने का। एक दिन उसका सपना सच हो जाता है। वह अपने आपको बॉबी देओल के सामने पाता है। उसके बाद क्या होता है देखिए ‘नन्हे जैसलमेर’ में।

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