निर्माता : रॉनी स्क्रूवाला निर्देशक एवं कहानी : श्याम बेनेगल संगीत : शांतुनु मोइत्राकलाकार : श्रेयस तलपदे, अमृता राव, रवि किशन, ईला अरुण, दिव्या दत्ता, यशपाल शर्मा, राजेश्वरी सचदेवसज्जनपुर में रहने वाला महादेव उन दो-चार लोगों में से है जो पढ़ना-लिखना जानते हैं। उसकी इच्छा उपन्यासकार बनने की है, लेकिन वह अपने वर्तमान काम से खुश है। पोस्ट ऑफिस के पास बैठकर वह गाँव के अनपढ़ लोगों के पत्र लिखता है। पत्र लिखने के उसके अंदाज ने गाँव के अनपढ़ लोगों के बीच उसे लोकप्रिय कर दिया है। पत्र लिखते समय वह अपनी पूरी प्रतिभा का उपयोग करता है। एक दिन एक खूबसूरत स्त्री कमला उसके पास आती है। वह चाहती है कि महादेव उसके लिए उसके पति को एक पत्र लिख दें। उसका पति पैसा कमाने के लिए मुंबई गया हुआ है। कमला को देख महादेव पुरानी यादों में खो जाता है। उसे याद आता है कि बचपन में वो और कमला एक ही स्कूल में थे। उसे कमला बेहद पसंद थी। एक दिन कमला ने उसे उसके सुंदर अक्षरों में नोट्स लिखने के लिए कहा तो बदले में उसने एक ‘किस’ माँग ली।
महादेव को महसूस हुआ कि इस घटना के बाद कमला के माता-पिता ने उसे स्कूल से निकाल लिया। सुंदर कमला को देख उसका प्यार फिर जाग उठा। उसे अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उसने कमला के पति को ऐसा पत्र लिखा कि दोनों एक-दूसरे से अलग हो जाएँ। महादेव अपनी योजना में लगभग सफल हो ही गया था कि एक ऐसी घटना घटती है वह विलेन की जगह हीरो बन जाता है।
‘वेलकम टू सज्जनपुर’ की कहानी को हास्य, मनोरंजक और संगीतमय तरीके से पेश किया गया है। इसके चरित्र और घटनाएँ आनंददायक होने के साथ-साथ हृदयस्पर्शी भी हैं।