Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्रेज़ी 4 : क्रेज़ी कौन?

Advertiesment
हमें फॉलो करें क्रेज़ी 4

समय ताम्रकर

PR
निर्माता : राकेश रोशन
निर्देशक : जयदीप सेन
संगीत : राजेश रोशन
कलाकार : अरशद वारसी, इरफान खान, राजपाल यादव, सुरेश मेनन, जूही चावला, दीया मिर्जा, जाकिर हुसैन, रजत कपूर
रेटिंग : 2/5

राकेश रोशन को खुद अपनी लिखी कहानी पर भरोसा नहीं था, इसलिए उन्होंने ‘क्रेजी 4’ को निर्देशित करने का जिम्मा जयदीप सेन को सौंपा। इस फिल्म का सार यह है कि पागल दुनिया के लायक नहीं, बल्कि दुनिया पागलों के लायक नहीं है।

चार क्रेजी चरित्र हैं, जो कभी बेहद समझदार लगते हैं तो कभी एकदम पागल। राजा (अरशद वारसी) बेहद गुस्सैल है। किसी ने सिगरेट का कश भरकर उसके मुँह पर धुआँ छोड़ा तो वह उसे थप्पड़ जमा देगा। अब बताइए कि वह किस दृष्टिकोण से पागल हुआ? उसे हिंसक जरूर कह सकते हैं। लोग तो इतनी सी बात पर हत्या कर देते हैं, लेकिन उन्हें पागलखाने नहीं बल्कि जेल भेजा जाता है।

डॉ. मुखर्जी (इरफान खान) सफाई पसंद है और डब्बू (सुरेश मेनन) तो एक भी ऐसी हरकत नहीं करता जो स‍िरफिरा कहलाने के दायरे में आए। गंगाधर (राजपाल यादव) को जरूर मानसिक रोगी कहा जा सकता है जो वर्तमान के बजाय अतीत में ही विचरण करता रहता है।

इन सभी का इलाज करती है डॉ. सोनाली (जूही चावला)। सोनाली इन सभी को 15 अगस्त के दिन भारत और इंग्लैंड का क्रिकेट मैच दिखाने ले जाती है। वैसे उस दौरान भारत में बारिश का मौसम रहता है और क्रिकेट नहीं खेला जाता।

खैर, डॉक्टर सोनाली का रास्ते में अपहरण हो जाता है। कार में बैठे क्रेजी 4 इंतजार करने के बाद शहर में घूमने निकल जाते हैं। किस तरह वे सोनाली को बचाते हैं, ये फिल्म का सार है।

webdunia
PR
फिल्म की कहानी में कोई नयापन नहीं है, आगे क्या होने वाला है ये सभी को मालूम रहता है। जरूरत थी दमदार पटकथा की, परंतु वो भी कमजोर है। ‘क्रेजी’ लोगों के नाम हास्य की अपार संभावनाएँ थीं, फिल्म के कलाकार उम्दा थे, लेकिन इनका पूरी तरह दोहन नहीं किया गया। फिल्म हँसाती है, लेकिन टुकड़ों में।

मध्यांतर के पूर्व वाला हिस्सा बाद वाले हिस्से से बेहतर है। मध्यांतर के बाद फिल्म बिखर जाती है। गंगाधर के बहाने देशभक्ति की भावनाएँ भी पैदा की गई हैं और शॉपिंग मॉल में ‘जन-गण-मन’ गाती बालिका का दृश्य उम्दा है।

फिल्म का आकर्षण बढ़ाने के लिए तीन-तीन आयटम सांग भी हैं। राखी सावंत ने तमाम लटके-झटके दिखाए हैं, लेकिन वे कहीं से भी खूबसूरत दिखाई नहीं देती हैं। उन पर फिल्माया गया गाना भी शोरगुल से भरा हुआ है।

किंग खान शाहरुख पर फिल्माया गया गीत तब तक अच्छा लगता है जब तक आप रितिक वाला गाना नहीं देख लेते हैं। रितिक के डांस के सामने शाहरुख का डांस एकदम फीका लगता है।

ये रितिक के नृत्य का ही कमाल है कि उन पर ‍फिल्माया गया गीत फिल्म के अंत में है जब दर्शक घर भागने की जल्दी में रहता है, लेकिन ‍रितिक के डांस की वजह से सभी उस गाने को देखने के बाद ही सिनेमाघर से बाहर निकलते हैं।

निर्देशक जयदीप सेन अपने संसाधनों का पूरा उपयोग नहीं कर पाए। उन्हें कहानी भी दमदार नहीं मिली। अश्वनी धीर के संवाद उनकी पटकथा जैसे ही हैं।

अरशद वारसी जरूरत से ज्यादा गुस्सा करते हुए नजर आए। इरफान को उनकी योग्यता के अनुरूप भूमिका नहीं मिली। राजपाल यादव ने दर्शकों को हँसाया। सुरेश मेनन ने पूरी फिल्म में एक-दो शब्द बोले। जूही चावला की भूमिका छोटी थी, जिसे उन्होंने अच्छी तरह निभाया। दीया मिर्जा भी कुछ दृश्यों में नजर आईं।

webdunia
PR
राजेश रोशन ने जिन गानों की धुन बनाई है वे सुनने लायक नहीं हैं और जो गीत सुनने लायक है वो किसने बनाया है ये सभी को पता चल गया है। खबर है कि राकेश रोशन को एक करोड़ का फटका लगा है।

‘क्रेजी 4’ की सबसे खास बात यह है कि यह मात्र दो घंटे और चंद मिनट की फिल्म है। हँसना और भूल जाना हो तो यह फिल्म देखने का जोखिम उठाया जा सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi