द अमेजिंग स्पाइडरमैन : फिल्म समीक्षा
निर्देशक : मार्क वेब कलाकार : एंड्रयू गारफील्ड, एमा स्टोन, रे इफांस, सैली फील्ड, इरफान खानसेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 12 मिनट रेटिंग : 3/5स्पाइडरमैन सीरिज की अगली फिल्म ‘द अमेजिंग स्पाइडरमैन’ में इस बार न तो स्पाइडरमैन के रूप में टॉबी मैग्वायर हैं और न ही निर्देशन सैम रैमी ने किया है। नई टीम ने इस बार स्पाइडरमैन सीरिज को आगे बढ़ाया है और यह फर्क फिल्म देखने पर पता चलता है। मार्क वेब ने स्पाइडरमैन को अपने विज़न से दिखाया है और इस सुपर हीरो को निभाने की जवाबदारी एंड्रयू गारफील्ड के युवा कंधों पर है। फिल्म के रिलीज होने के पहले सवाल खड़े किए गए थे कि क्या एंड्रयू स्पाइडरमैन के रूप में जंचेंगे? क्या दर्शक उन्हें स्पाइडरमैन के रूप में पसंद करेंगे? दोनों प्रश्नों के जवाब सकारात्मक है। टीनएज स्पाइडरमैन को एंड्रयू ने बखूबी स्क्रीन पर पेश किया है और मार्क वेब का यह स्पाइडरमैन सुपरहीरो की बजाय आम आदमी के ज्यादा निकट है। वह लड़खड़ाता है, गिरता है, दु:खी होता है, लेकिन अंत में उसी की जीत होती है क्योंकि सुपरहीरो कभी हार ही नहीं सकता। द अमेजिंग स्पाइडरमैन की कहानी तीन ट्रेक पर चलती है, जिसमें एक्शन, रोमांस और रोमांच है। पीटर पार्कर (एंड्रयू गारफील्ड) जब छोटा था तब उसके माता-पिता रहस्यमय परिस्थितियों में उसे अंकल के पास छोड़ गए थे। उसके बाद वे कभी नहीं लौटे। टीनएजर पीटर के हाथ अपने पिता का पुराना ब्रीफकेस लगता है, जिसमें कुछ फॉर्मूले लिखे हुए हैं। वह अपने पिता और उनकी खोज के बारे में जानने के लिए उत्सुक होता है और डॉ. कर्ट कॉनर्स (रे इफांस) से मुलाकात करता है जो उसके पिता के साथ काम करते थे। कॉनर्स दो प्रजातियों के जीन को आपस में मिलाने का प्रयोग कर रहे हैं और इसमें पीटर उनकी मदद करता है। यह ट्रेक काफी रोमांचकारी है।
पीटर और ग्वेन (एम्मा स्टोन) की प्रेम कहानी को निर्देशक मार्क वेब ने शानदार तरीके से फिल्माया है और रियल लाइफ लवर्स की कैमिस्ट्री भी खूब जमी है। ग्वेन के पिता को न्यूयॉर्क सिटी पुलिस डिपार्टमेंट का कैप्टन बताया जो स्पाइडरमैन को पकड़ना चाहता है, जिससे इस ट्रेक में थोडा कॉमेडी का भी टच आ गया है। इस लव-स्टोरी का अंत सुखद करने से सिनेमाहॉल छोड़ते समय दर्शकों के चेहरे खिल जाते हैं। स्पाइडरमैन के कारनामे भी देखने को मिले हैं जब पीटर पार्कर असहाय लोगों की जान बचाता है और ताकतवर छिपकली बन गए कॉनर्स से भी लोगों और शहर को बचाता है जो सभी को तबाह करने पर तुला हुआ है। इस ट्रेक में जबरदस्त स्पेशल इफेक्टस हैं जो थ्री-डी फॉर्मेट में फिल्म देखने वालों को ज्यादा रोमांचित करेंगे। कॉनर्स और पीटर की फाइटिंग सीन उन लोगों की तमन्ना पूरी करते हैं जो सुपरहीरो को हीरोगिरी करते देखना चाहते हैं। फिल्म का कुछ हिस्सा इस सीरिज की पुरानी फिल्मों की याद ताजा करता है। हालांकि पिछले भागों से इसका कोई खास लेना-देना नहीं है। एक बार फिर दिखाया गया है कि मकड़ी के काटने से पीटर स्पाइडरमैन बनता है।मार्क वेब द्वारा निर्देशित ‘द अमेजिंग स्पाडडरमैन’ की शुरुआत काफी धीमी है और शुरुआती हिस्से को टाइट एडिटिंग के जरिये छोटा किया जा सकता है क्योंकि फिल्म की लंबाई कुछ ज्यादा है। अंकल-आंटी और पीटर के रिश्ते पर मार्क ने कुछ ज्यादा ही फुटेज खर्च किए हैं। ग्वेन और पीटर की लव स्टोरी वाला ट्रेक आने के बाद फिल्म में उठाव आता है और जब पीटर स्पाइडरमैन की ड्रेस में आता है तो फिल्म का स्तर और उठ जाता है। हालांकि इरफान खान वाला और अपने अंकल के हत्यारे को पीटर द्वारा ढूंढने वाली बात अधूरी ही रह जाती है। डॉक्टर कॉनर्स के अचानक विलेन बन जाने का भी कोई ठोस कारण नहीं दिया गया है।
पीटर पार्कर की झुंझलाहट, शर्मीलेपन और ईमानदारी को एंड्रयू गारफील्ड ने बेहतरीन तरीके से अभिनीत किया है। स्पाडडरमैन को टीनएजर बताया गया है जिससे युवाओं के बीच वे और लोकप्रिय हो सकते हैं और उन्हें आगे भी इस सीरिज को करने का अवसर मिलेगा। एमा स्टोन, रे इफांस, डेनिस लेरी, सेली फील्ड सहित सारे कलाकारों का अभिनय उम्दा है। इरफान खान का रोल बहुत छोटा है और वे पहले ही ये बता चुके हैं कि अपने बेटों के लिए उन्होंने स्पाइडरमैन सीरिज से जुड़ना पसंद किया। तकनीकी रूप से फिल्म बेहद सशक्त है। सिनेमाटोग्राफी खासतौर पर उल्लेखनीय है। सुपरहीरो को पसंद करने वालों की अपेक्षाओं पर ‘द अमेजिंग स्पाडडरमैन’ खरी उतरती है।