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मूवी रिव्यू : सॉल्ट

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हमें फॉलो करें कोलम्बिया पिक्चर्स एंजेलिना जोली
, शनिवार, 24 जुलाई 2010 (11:25 IST)
निर्माता : कोलम्बिया पिक्चर्स
निर्देशक : फिलिप नोएल
कलाकार : एंजेलिना जोली, लिव श्राइब
रेटिंग: 2/5


हॉलीवुड हॉटी एंजेलिना जोली एक बार फिर एक्शन थ्रिलर में ऊँचाई से कूदते, गोलियों की बौछार से निकलते और एक्शन करते दिखाई दे रही हैं। इस फिल्म को देखने के बाद समझा जा सकता है कि जोली लेडी 007 का रोल क्यों निभाना चाहती हैं।

दरअसल सॉल्ट की कहानी पहले टॉम क्रूज को ध्यान में रखकर लिखी गई थी, लेकिन टॉम ने पहले ही एक और इससे मिलती-जुलती कथानक वाली जासूसी फिल्म 'नाइट एंड डे' में काम करना शुरू कर दिया था तो स्क्रिप्ट में कुछ बदलाव के बाद एंजेलिना जोली को कास्ट करके इसे थोडा अलग बनाने की कोशिश की गई है।

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फिल्म की कहानी में एंजेलिना इवलिन सॉल्ट नामक एक सीआईए जासूस है, जिस पर एक डिफेक्टेटर रशियन जासूस ओर्लोव (डेनियल ओल्बर्स्की) डबल एजेंट होने का आरोप लगाते हुए बताता है कि वह अमेरिका के दौरे पर आने वाले रशियन राष्ट्रपति को मारने की साजिश कर रही है।

इसके बाद पूरी फिल्म में एंजेलिना अपने दोस्ताना बॉस लिव श्राइबर और दूसरे सीआईए, पुलिस और एफबीआई अधिकारियों से बचकर भागती रहती है। इवलिन की मुसीबत तब और बढ़ जाती है जब उसके पीछे रशियन किलर्स भी लग जाते हैं। चैलेंज यह है कि उसे खुद को बेगुनाह साबित करते हुए ऐसी साजिश को भी असफल करना है जो दो बड़े नेताओं को मारने के लिए रची गई है।

मिस्टर एंड मिसेज स्मिथ की तरह इस फिल्म में भी एंजेलिना के आर्कयोलॉजिस्ट पति को उसके जासूस होने का पता नहीं होता। एंजेलिना को इस फिल्म में भी ट्रेन, बस कार से छलाँग लगाते, बाइक चलाते, यहाँ तक की हेलिकॉप्टर उड़ाते भी दिखाया गया है।

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एक्शन सीन हालाँकि बखूबी फिल्माए गए हैं पर मुख्य किरदार को छोड़कर अन्य सभी को मूर्ख और कमजोर जताया गया है। हट्टे-कट्टे हथियारबंद अधिकारियों की जिस तरह एंजेलिना धुलाई करती हैं वह गले नहीं उतरती। बस और कार के स्टंट देखकर जहाँ वॉन्टेड की याद आती है, वहीं ऐसे बहुत से दृश्य देखने को मिल जाएँगे जो पुरानी जेम्स बॉन्ड फिल्मों की याद दिलाते हैं।

सिर्फ फिल्म का स्टोरी प्लॉट इस फिल्म से दर्शकों को बाँधे रखने में कामयाब होता है। इसकी भी वजह शायद संयोग से इस फिल्म की कहानी और हाल ही में अमेरीका में पकड़े गए रशियन जासूसों के मामले का एक जैसा होना है। इस फिल्म में भी 60 के दशक के अमेरिका और रूस के बीच चल रहे शीत युद्ध के जासूसी पैंतरे बहुत ही दिलचस्प तरीके से दिखाए गए हैं।

इस फिल्म में भी एंजेलिना ने अपने पतले 'कामुक शरीर' के साथ जमकर एक्शन किया है, जो कई बार अविश्वसनीय लगता है। अगर अभिनय की बात करें तो ईस्टर द्वीप की मूर्तियों की तरह लगने वाले अपने चेहरे पर वे इस बार कोई भाव लाने में असफल रहीं। कई एक्शन सीन देख कर चीनी सितारों जैकी चेन और मिशेल यो द्वारा किए गए स्टंट्स की याद आती है।

ऐसा लगता है कि एंजेलिना जोली अब टाइप्ड होती जा रही हैं, हर फिल्म में कमोबेश वही एक्शन और सिक्वेंस देख र्बरियत महसूस होने लगी है। टूंब राइडर के बाद से ही एंजेलिना लगातार एक्शन फिल्म कर रही हैं। उन्हें समझना होगा जासूस बनने का मतलब सिर्फ गाड़ियों से अविश्वसनीय छलाँग मारना नहीं है।

कुल मिलाकर कहा जाए तो सॉल्ट में नमक थोड़ा कम तो पड़ ही गया। एक ही स्वाद को बहुत ज्यादा भी नहीं परोसना चाहिए।

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