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ये मेरा इंडिया : हेडलाइन के पीछे का सच

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बैनर : एन. चन्द्रा ग्लोबल इंफोटेनमेंट लि., पैन इंडिया प्रा.लि.
निर्माता : एन. चन्द्रा, धवल गाडा
लेखक व निर्देशक : एन. चन्द्रा
संगीत : कविता सेठ, सिद्धार्थ, सुहास
कलाकार : अनुपम खेर, अतुल कुलकर्णी, मिलिंग गुणाजी, पेरिज़ाद, पूरब कोहली, स्माइली सूरी, प्रवीण डबास, राजपाल यादव, सारिका, सयाजी शिंदे, सीमा बिस्वास, विजय राज

कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जो हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। मुंबई में कुछ लोगों का उत्तरी भारतीयों का नापसंद किया जाना। एक खास धर्म के लोगों को मकान न दिया जाना। इससे मिलते-जुलते मुद्दों को निर्देशक एन. चन्द्रा ने अपनी फिल्म ‘ये मेरा इंडिया’ में उठाया है और पुराने जख्मों को फिर से कुरेदा है।

एन.चन्द्रा अपनी जड़ों की तरफ लौटे हैं। प्रतिघात और अंकुश जैसी फिल्मों में उन्होंने आम आदमी की कहानी को जोरदार तरीके से पेश किया था। ‘ये मेरा इंडिया’ में भी कुछ जगह पुराने चन्द्रा नजर आते हैं।

फिल्म में मुंबई के 12 लोगों की कहानियों को दिखाया गया है जो आपस में जुड़ी हुई हैं। कुछ कहानियाँ समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कर सोचने पर मजबूर करती हैं। लेकिन सभी कहानियों के बारे में ये कहा नहीं जा सकता। ‍वास्तविक जीवन में हर कहानी का सुखद अंत नहीं होता है, जैसा कि फिल्म में दिखाया गया है।

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दूसरी बात जो फिल्म के खिलाफ जाती है वो है इसकी लंबाई। कई मुद्दों को निर्देशक ने उठाया है, जिससे फिल्म लंबी हो गई है और कुछ कहानियों को जल्दबाजी में निपटाया है। अगर कम कहानियों को चुना जाता तो कम समय में उन्हें बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता था।

‘ये मेरा इंडिया’ के हर कलाकार ने बेहतरीन अभिनय किया है। अनुपम खेर, प्रवीण डबास, विजय राज, अतुल कुलकर्णी, सीमा बिस्वास, राजपाल यादव और स्माइली सूरी ने अपनी छाप छोड़ी है।

कुल मिलाकर ‘ये मेरा इंडिया’ कुछ जगह अपना असर छोड़ती है।

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