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हाउसफुल 3 : फिल्म समीक्षा

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समय ताम्रकर

हाउसफुल बॉलीवुड की लोकप्रिय सीरिज है। इसके पिछले दोनों सफल भागों का निर्देशन साजिद खान ने किया था, जबकि तीसरे भाग की बागडोर साजिद-फरहाद को सौंपी गई है। इस सीरिज में ऐसा हास्य दर्शकों के आगे परोसा जाता है जिसमें दिमाग को सिनेमाघर के बाहर रखिए और फिल्म का मजा ‍लीजिए। 
 
फिल्म के पिछले दोनों भाग ठीक-ठाक थे और मनोरंजन करने में सफल रहे थे, लेकिन 'हाउसफुल 3' इस सीरिज की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुई है। साजिद-फरहाद को भव्य बजट और बड़ी स्टार कास्ट मिली, लेकिन वे फिल्म को संभाल नहीं पाए और तीर निशाने पर नहीं लगा।  
 
बटुक लाल (बोमन ईरानी) अपनी तीन बेटियों गंगा (जैकलीन फर्नांडिस), जमुना (लिसा हेडन) और सरस्वती (नरगिस फाखरी) के साथ लंदन में रहता है। वह नहीं चाहता कि उसकी जवान बेटियां शादी करें। गंगा का बॉयफ्रेंड सैंडी (अक्षय कुमार) है तो जमुना का टैडी (रितेश देशमुख) और सरस्वती का बंटी (अभिषेक बच्चन)। 
 
बटुक पटेल को जब यह बात पता चलती है तो वह अपनी बेटियों को कहता है कि यदि गंगा ने शादी की तो उसके पति का पहला कदम घर में रखते ही वह (बटुक) मर जाएगा। यदि जमुना के पति ने बटुक को देखा और सरस्वती के पति ने पहली बार कुछ बोला तो बटुक की मृत्यु निश्चित है। 
 
तीनों लड़कियां अपने बॉयफ्रेंड्स को यह बात बताती है। तीनों पैसे के लालची दिमाग लड़ाते हैं। एक अंधा बन जाता है तो दूसरा गूंगा, तीसरा कहता है कि उसके पैर चलने के काबिल ही नहीं है। वे बटुक के घर में ही उसके साथ रहने लगते हैं। 
 
बटुक वर्षों पहले ऊर्जा नागरे (जैकी श्रॉफ) के साथ काम करता था। ऊर्जा मुंबई का डॉन था और 18 वर्ष की जेल काटने के बाद वह बटुक से मिलने लंदन आता है। कहानी में उसके आने से कुछ उतार-चढ़ाव आते हैं और हैप्पी एंडिंग के साथ फिल्म खत्म होती है। 
हाउसफुल 3 की कहानी घटिया है।  सारा ध्यान इसी बात पर लगाया गया है कि कैसे हर दृश्य में हास्य पैदा किया जाए। तीनों लड़के बटुक के घर में क्यों रहने लगते हैं, यह बात फिल्म में स्पष्ट ही नहीं है। ऐसी कई बातें हैं जो अतार्किक हैं। 
 
स्क्रीनप्ले में जरा सी भी कसावट नहीं है। कॉमेडी सीन दोहराव के शिकार हैं। वन लाइनर्स पर बहुत ज्यादा जोर दिया गया है और एक समय बाद ये अखरने लगते हैं। फिल्म की हीरोइनों की हिंदी बहुत कमजोर है और वे अंग्रेजी को अनुवाद कर हिंदी में बोलती है, जैसे- लेट्स गो फॉर हैंग आउट को वे बोलती हैं चलो बाहर लटकते हैं या लाइम लाइट को नींबू की रोशनी। एक-दो बार तो इन संवादों को सुन हंस सकते हैं, लेकिन बार-बार नहीं।
 
लेखक के रूप में साजिद-फरहाद कुछ नया नहीं सोच पा रहे हैं। आखिर कब तक वे थके-मांदे चुटकुलों से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे? इससे बेहतरीन चुटकले तो व्हाट्स एप पर पढ़ने को मिल जाते हैं। 
 
बतौर निर्देशक भी साजिद-फरहाद का काम औसत से नीचे है। उनके लिए निर्देशन का मतलब है लिखे हुए को फिल्मा देना। इस गंभीर काम को उन्होंने हल्के से लिया है और एक बड़ा मौका उन्हें मिला था जिसे उन्होंने गंवा दिया। 
 
फिल्म की शुरुआत बेहद ठंडी है। अक्षय, अभिषेक और रितेश के परिचय वाले सीन निहायत ही कमजोर है और कॉमेडी के नाम पर ट्रेजेडी है। दूसरे हाफ में ही फिल्म थोड़ी ठीक है। फिल्म में बहुत से संवाद अंग्रेजी में रखकर गलती की गई है क्योंकि जिस दर्शक वर्ग के लिए 'हाउसफुल 3' बनाई गई है उसे अंग्रेजी समझ में ही नहीं आएगी। 
 
हाउसफुल 3 में सबसे बड़े स्टार अक्षय कुमार हैं जो कि कॉमेडी माहिर हैं, लेकिन उनको अभिषेक और रितेश के बराबर दृश्य मिले हैं जबकि वे इससे ज्यादा के हकदार थे। अक्षय की पूरी क्षमताओं का उपयोग नहीं हो पाया है। उन्हें जो भी सीन मिले हैं उसमें उन्होंने अच्छा काम किया है और थोड़ा-बहुत दर्शकों को अपने दम पर हंसाया है। 
 
इस तरह की कॉमेडी फिल्मों के रितेश देशमुख अनिवार्य अंग हैं और वे अब टाइप्ड हो गए हैं। अभिषेक बच्चन और एक्टिंग में छत्तीस का आंकड़ा है। उन्हें एक रैपर की भूमिका दी है जिसमें वे जरा भी नहीं जमे। बेवकूफ लड़कियों के किरदार में जैकलीन फर्नांडिस, लिसा हेडन और नरगिस फाखरी में होड़ इस बात की थी कि कौन बुरी एक्टिंग करता है। विजेता को चुनना बहुत ही मुश्किल है। बोमन ईरानी को सबसे ज्यादा फुटेज मिले हैं। अजीब सी विग पहने वे एक्टिंग और ओवर एक्टिंग के बीच की लाइन पर घूमते रहे। 
 
फिल्म का संगीत बहुत बड़ा माइनस पाइंट है। प्यार की मां की, बहन की मां की, टांग उठा के को क्या गाने कहा जा सकता है। 
 
हाउसफुल 3 'हाउसफुल' सीरिज की सबसे कमजोर फिल्म है। हंसने के लिए इससे बेहतर कई विकल्प मौजूद हैं। 
 
बैनर : इरोस इंटरनेशनल, नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट 
निर्माता : साजिद नाडियाडवाला, सुनील ए. लु्ल्ला 
निर्देशक : साजिद--फरहाद
संगीत : तोशी-शरीब, सोहेल सेन, मीका सिंह, तनिष्क बागची, मिलिंद गाबा
कलाकार : अक्षय कुमार, जैकलीन फर्नांडिस, अभिषेक बच्चन, नरगिस फाखरी, रितेश देशमुख, लिसा हेडन, बोमन ईरानी, जैकी श्रॉफ, चंकी पांडे
सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 14 मिनट 21 सेकंड
रेटिंग : 1.5/5 
 

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