मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग पार्ट वन मूवी रिव्यू : टॉम क्रूज का स्टारडम और जोरदार स्क्रीनप्ले बनाता है मूवी को ब्लॉकबस्टर
Mission Impossible Dead Reckoning Part One movie review
- दिमाग लगाकर देखने वाला स्क्रीनप्ले
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रोमांचक उतार-चढ़ाव और एक्शन का डोज़
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61 साल में भी जादू जागते टॉम क्रूज
Mission Impossible Dead Reckoning Part One movie review: लार्जर देन लाइफ और हॉलीवुड कमर्शियल सिनेमा के फॉर्मेट में मिशन इम्पॉसिबल सीरिज का एक अलग ही स्थान है। टॉम क्रूज जैसा सुपरस्टार जब एक असंभव से मिशन पर निकलता है तो रोमांच अपने शिखर पर पहुंच जाता है। फिल्म का एक्शन तो प्लस पाइंट रहता ही है, लेकिन स्क्रीनप्ले इतनी सफाई से लिखा जाता है कि दर्शकों को हर पल चौकन्ना रह कर स्क्रीन पर घट रहे हर घटनाक्रम पर आंख लगाए रखना पड़ता है। इस सीरिज के 6 पार्ट आ चुके हैं और अभी तक ऐसा लगा नहीं है कि अब थकान होने लगी है। 61 साल की उम्र में टॉम क्रूज तरोताजा लगते हैं और मेकर्स के पास भी देने के लिए बहुत है। सीरिज का सातवां पार्ट मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग पार्ट वन' दो भागों में बंटा है जिसका पहला पार्ट रिलीज हुआ है।
यदि किसी ने अब तक मिशन इम्पॉसिबल का एक भी भाग नहीं देखा है तो वो दर्शक सातवां पार्ट देखने आसानी से जा सकता है और उसे फिल्म समझने में जरा भी परेशानी नहीं होगी। नए दर्शकों को जोड़ने के लिए इसे इस तरह से बनाया गया है कि यदि आपको इस सीरिज के बारे में कुछ भी नहीं पता हो तो भी आप इससे जुड़ सकते हैं।
दुनिया में इस समय एआई के चर्चे हैं और इसकी झलक मिशन इम्पॉसिबल 7 में मिलती है। इशारा दिया जाता है कि आने वाले समय में यह 'विलेन' बन कर तबाही मचा सकता है क्योंकि कंट्रोल तो इंसान के हाथों में ही होता है। ईथन हंट के सामने एक बेहद कठिन मिशन है जिसे उसे हर हाल में अंजाम देना है। अपने टेक्नीकल फील्ड एजेंट बेंजिल डन, एमआई 6 एजेंट लिसा और आईएमएफ कम्प्यूटर टेक्नीशियन लुथर के साथ वह ऐसी चाबी की तलाश में निकल पड़ता है जो दो हिस्सों में बंटी हुई है। चाबी के इन दो हिस्सों को जोड़ कर ऐसा कुछ खोला जा सकता है जिससे विनाश हो सकता है। चाबी के पीछे अनेक लोग पड़े हुए हैं। कहां हैं चाबी के दो हिस्से? इनसे क्या खुल सकता है? ऐसा क्या है जिससे सर्वनाश हो सकता है? इन सवालों के जवाब भी हंट को खोजने है और यह सब अंधेरे में तीर चलाने जैसा है।
ब्रूस गेलेर की कहानी पर आधारित इस मूवी का स्क्रीनप्ले क्रिस्टोफर मैक्वेरी और एरिक जेंड्रेसन ने लिखा है। स्क्रीनप्ले खूबसूरती के साथ लिखा गया है और सीक्वेंसेस सफाई के साथ जोड़े गए हैं। 'जॉइन द डॉट्स' वाला प्लॉट और थ्रिलिंग एक्शन के जरिये मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग पार्ट वन से दर्शक पूरी तरह से जुड़े रहते हैं और ईथन हंट के साथ वे भी मिशन में इनवॉल्व हो जाते हैं। यहां पर फिर लेखक कमाल दिखाते हैं। पहले हाफ में आप सोचते हैं कि आगे ऐसा होगा, लेकिन फिल्म आपको चौंकाते हुए कुछ और ही दिखाती है। दूसरा हाफ जरूर थोड़ा धीमा होता है और ब्लॉकबस्टर मूवी में जिस तरह के सीन होते हैं, जैसे भव्य पार्टी में सारे किरदारों का इकट्ठा होना और ट्रेन वाला क्लाइमैक्स, जहां पर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आगे क्या होने वाला है, लेकिन तब तक आप फिल्म में इतने रम गए होते हैं कि अनेक बार देखे गए ये सीक्वेंस और स्टंट्स भी दिलो-दिमाग पर छा जाते हैं।
अरेबियन रेगिस्तान से शुरू हुई फिल्म आबूधाबी, यूएस, रोम, वेनिस होती हुई ऑस्ट्रिया की घाटियों में जा पहुंचती है। हर नए मोड़ कर किरदारों की एंट्री, रोमांचक उतार-चढ़ाव और एक्शन का डोज़ फिल्म को देखने लायक बनाता है। फिल्म में बातचीत के कुछ लंबे दृश्य जरूर हैं जो फिल्म की तेज रफ्तार को धीमा जरूर करते हैं, लेकिन इनमें बोले गए संवाद ड्रामे के लिए जरूरी थे। मिशन इम्पॉसिबल डेड रेकनिंग पार्ट वन इसलिए भी असर दिखाती है कि यह पूरी तरह से एक्शन पर निर्भर नहीं है। एक्शन के पीछे ठोस आधार तैयार किया गया है जिससे ये एक्शन सीन जस्टिफाई होते हैं।
'मिशन इम्पॉसिबल- रोग नेशन' और 'मिशन इम्पॉसिबल- फॉलआउट' के बाद क्रिस्टोफर मैक्वेरी ने 'मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग पार्ट वन' में भी निर्देशन की जिम्मेदारी संभाली है। वे जानते हैं कि इस सीरिज का सबसे बड़ा आकर्षण टॉम क्रूज हैं। टॉम के स्टारडम और चार्म को उन्होंने होशियारी के साथ इस तरह से पेश किया है कि टॉम का प्रेजेंस दर्शकों को जकड़ लेता है।
Mission Impossible Dead Reckoning Part One
क्रिस्टोफर मैक्वेरी की तारीफ इसलिए भी की जा सकती है कि उन्होंने कहानी और अपना प्रस्तुतिकरण इस तरह का रखा है कि इस सीरिज का इतिहास जाने बिना भी कोई भी इसे देख सकता है। कहानी के रोमांच को बनाए रखने में क्रिस्टोफर मैक्वेरी ने सफलता हासिल की है। सही समय पर ट्विस्ट और एक्शन सीक्वेंस रख कर वे दर्शकों को जोड़े रखते हैं।
क्रिस्टोफर मैक्वेरी ने अपनी बात कहने में पौने तीन घंटे का समय लिया है, जिस पर कुछ को आपत्ति हो सकती है, लेकिन यह इसलिए जरूरी था कि इस सीरिज के फैंस पेट भर के देखना चाहते हैं। मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग दो पार्ट में है, लेकिन इसकी खासियत यह है कि पहला पार्ट भी अपने आप में एक कम्पलीट पैकेज है जो आपको संतुष्टि देता है। दूसरे पार्ट में कुछ प्रश्नों के और जवाब मिलेंगे जो ईथन हंट खोजेगा।
टेक्नीकली फिल्म लाजवाब है। सिनेमाटोग्राफी, लाइट्स, बैकग्राउंड म्यूजिक, लोकेशन्स, आर्ट वर्क वर्ल्ड क्लास हैं। एक्शन सीन का उल्लेख किए बिना मिशन इम्पॉसिबल के बारे में बात खत्म नहीं हो सकती। मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग में भी चेज़ सीक्वेंस है जिसमें 'फन एलिमेंट' का भी इस्तेमाल किया गया है। आबूधामी एअरपोर्ट का हाइड एंड सीक गेम बढ़िया तरीके से दिखाया गया है। रोम का कार चेज़ हंसाता भी है और रोमांचित भी करता है। क्लाइमेक्स में ट्रेन में फिल्माया गया सीक्वेंस और एक्शन में आप पलक भी नहीं झपक सकते। हां, ये सीक्वेंस आपको पुरानी फिल्मों की याद जरूर दिलाएंगे जिनमें ये कई बार दोहराया जा चुका है।
इस सीरिज के एक्शन सीक्वेंसेस रियल लगते हैं। वे रोबोटिक नहीं लगते। इस मामले में फिल्म पुराने दौर की एक्शन फिल्मों को फॉलो करती है। एक्शन सीन रियल लगने की एक वजह ये भी है कि टॉम क्रूज खुद ये सीन करते हैं। फिल्म के रिलीज के पहले उनके उस फुटेज ने इंटरनेट पर रिकॉर्ड तोड़ डाले थे जिसमें वे एक ऊंचे पहाड़ से बाइक के जरिये नीचे खाई में छलांग लगाते दिखाई देते हैं। इससे फिल्म के एक्शन दृश्यों की विश्वसनीयता बढ़ जाती है। जब छलांग लगाने वाला सीन स्क्रीन पर आता है तो सांसें थम जाती है। यहां पर कोई बैकग्राउंड म्यूजिक नहीं दिया गया है जिससे असर डबल हो गया है।
61 वर्षीय टॉम क्रूज की फिटनेस लाजवाब है। वे इस बात की मिसाल है कि व्यक्ति इतनी उम्र में भी हैंडसम और फिट रह सकता है। एक्टिंग के वे अपने उन मैनेरिज्म को दोहराते हैं जो उनके फैंस को अच्छी लगती है। एक्टिंग में वे अपने चार्म का उपयोग करना बखूबी जानते हैं। एक्शन सीन उन्होंने शानदार तरीके से किए हैं और मिशन इम्पॉसिबल सीरिज का भार उन्होंने एक बार फिर अपने मजबूत कंधों पर शानदार तरीके से उठाया है।
ग्रेस के किरदार में हेले एटवेल टॉम क्रूज के साथ कंधे से कंधे मिलाते नजर आईं और अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रही। टॉम के साथी के रूप में विंग रेम्स और साइमन पेग ने अपनी फनी वन लाइनर्स से दर्शकों का मनोरंजन किया है। रेबेका फर्ग्यूसन को ज्यादा फुटेज नहीं मिले, लेकिन वे अब एमआई सीरिज का जरूरी हिस्सा बन गई हैं। ब्लैक मार्केट आर्म्स डीलर ऐलाना के किरदार में वैनेसा किर्बी की एक्टिंग जबरदस्त है। वे बेहद शातिर लगती हैं। एसाई मोरालेस, पोम क्लेमेंटिएफ़, हेनरी कज़र्नी सहित अन्य सारे कलाकार अपने किरदारों के साथ न्याय करते हैं।
पॉपकॉर्न के बड़े टब और कोला के साथ ब्लॉकबस्टर मूवी का मजा लेना है तो मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग को बिग स्क्रीन पर ही देखना चाहिए।
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निर्माता : टॉम क्रूज़, क्रिस्टोफर मैक्वेरी
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निर्देशक : क्रिस्टोफर मैकक्वेरी
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कलाकार : टॉम क्रूज़, हेले एटवेल, विंग रेम्स, साइमन पेग, रेबेका फर्ग्यूसन, एसाई मोरालेस, वैनेसा किर्बी, पोम क्लेमेंटिएफ़, हेनरी कज़र्नी
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सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 43 मिनट
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रेटिंग : 4/5