Ramcharitmanas

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नीरजा : फिल्म समीक्षा

Advertiesment
हमें फॉलो करें नीरजा

समय ताम्रकर

हिंदी सिनेमा के दर्शक इन दिनों बायोपिक बेहद पसंद कर रहे हैं इसलिए निर्माता-निर्देशक इतिहास के पन्नों में ऐसे चरित्र ढूंढ रहे हैं जिन पर फिल्म बनाई जा सके। नीरजा भनोट ने अपनी छोटी सी जिंदगी में इतना बड़ा कारनामा कर दिया कि उन पर फिल्म तो बनती है। फिल्म निर्देशक राम माधवानी ने नीरजा और उनके जीवन की कुछ घटनाओं से प्रेरित होकर 'नीरजा' बनाई है।  
 
किसी व्यक्ति विशेष पर फिल्म बनती है तो कहानी किस तरह की होगी, क्या होगी, ये दर्शकों को पहले से पता रहता है और सारा खेल प्रस्तुतिकरण पर आ टिकता है ताकि दर्शक उन पलों को जी सके। 'नीरजा' भी उन क्षणों का बखूबी महसूस कराती है जब एक विमान का अपहरण हो जाता है और फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा अपना हौंसला न खोते हुए सैकड़ों जान बचाती हैं। 
 
फिल्म की यह खूबी है कि शुरुआत 15-20 मिनटों में ही यह बहुत सारी बातें उम्दा तरीके से सामने रख देती है। नीरजा का चुलबुलापन, सुपरस्टार राजेश खन्ना के प्रति दीवानगी, अपने जॉब से प्यार करने वाली और प्रेम के अंकुरित होते बीज के जरिये नीरजा का किरदार बखूबी दर्शकों के दिमाग पर छा जाता है। 
सितम्बर 1986 में पैन एम 73 की उड़ान मुंबई से रवाना होती है और कराची में उतरती है, जहां कुछ आतंकी विमान में घुस कर हाइजैक कर लेते हैं। 379 यात्री विमान में सवार हैं। इस कठिन अवसर में भी नीरजा दिमाग को शांत रखते हुए पायलेट को प्लेन हाइजेक का संकेत देती है और सारे पायलेट्स कॉकपिट से भाग निकलते हैं। 
 
अबू निदाल ऑर्गेनाइजेशन के आतंकियों के सामने विकट स्थिति खड़ी हो जाती है क्योंकि विमान उड़ाने वाला कोई नहीं है। वे साइप्रस में कैद अपने साथियों को छुड़ाना चाहते थे, लेकिन पायलेट की मांग में उलझ जाते हैं। घंटों तक विमान कराची एअरपोर्ट पर खड़ा रहता है। बातचीत चलती रहती है और इसी बीच नीरजा अपने यात्रियों को ध्यान रखने का कर्तव्य बखूबी निभाती है।
 
नीरजा की बहादुरी और निर्णय लेने की क्षमता तब भी दिखाई देती है जब उसे भनक लगती है कि आतंकी सारे पासपोर्ट इकट्ठा कर अ‍मेरिकी नागरिकों को मार सकते हैं। वह अपने साथियों के साथ अमेरिकियों के पासपोर्ट छिपा देती है और आतंकियों के प्लान में बाधा उत्पन्न करती है। 
 
फिल्म का तीन-चौथाई हिस्सा हवाई जहाज के अंदर फिल्माया गया है और एक सीमित स्थान पर फिल्म को केन्द्रित रख कर दर्शकों को बांधे रखना आसान बात नहीं थी, लेकिन निर्देशक राम माधवानी, लेखक और फिल्म के संपादक मोनिषा ने बेहतरीन काम करते हुए न केवल फिल्म को देखने लायक बनाया है बल्कि आप भी उस फ्लाइट में सवार एक यात्री की तरह उस भय से भरे क्षणों को जीते हैं। विमान के अंदर के तनाव को आप महसूस करते हैं। साथ ही नीरजा के परिवार पर उस समय क्या गुजर रही थी इस बात को भी अच्छी तरह पेश किया गया है। फिल्म के अंत में तो भावुक दर्शकों की आंखें गीली हो जाएंगी।   
 
कुछ विज्ञापनों में मॉडल रह चुकीं नीरजा का शादी का अनुभव अच्छा नहीं रहा था। फ्लेशबैक के जरिये उसके अतीत की कड़वाहट को कहानी में बखूबी पिरोया गया है। 
 
फिल्म कुछ जगह फिसलती भी है कुछ जगह ठहरी हुई लगती है। कुछ बनावटी सीन भी अखरते हैं और फिल्म के बीच एक गाने की गुंजाइश तो बिलकुल नहीं थी। आतंकियों की मांग पर भी थोड़े फुटेज खर्च किए जाने थे। अंत में कुछ भावुक दृश्यों से भी बचा जा सकता था, लेकिन ये छोटी-मोटी कमियां हैं। 
 
निर्देशक राम माधवानी ने एक चैलेंजिंग कहानी पर फिल्म बनाई है और पूरी फिल्म में उन्होंने दर्शकों को जोड़ कर रखा है। नीरजा को वे दर्शकों से सीधा कनेक्ट करने में भी सफल रहे हैं। दो घंटे की फिल्म को यदि वे थोड़ा और छोटा कर देते तो फिल्म में कसावट आ जाती। 
 
लंबे समय तक बॉलीवुड में रहने के बावजूद सोनम कपूर अभी तक बतौर अभिनेत्री छाप नहीं छोड़ पाई हैं। 'नीरजा' के जरिये उन्हें बड़ा अवसर मिला और जिसका उन्होंने पूरा फायदा भी उठाया। अपने अभिनय से वे प्रभावित करती हैं और उनके करियर की यह बेहतरीन फिल्म है।
शबाना आजमी के दृश्य कमजोर लिखे गए हैं, लेकिन वे अपने सशक्त अभिनय के जरिये इस कमी को पूरा करती है। संगीतकार शेखर छोटी भूमिका में औसत रहे हैं। फिल्म में अधिकांश चेहरे नए हैं और यह स्क्रिप्ट की डिमांड भी थी। आतंकी बने दो कलाकारों का अभिनय अच्छा है। नीरजा के पिता के रोल में योगेन्द्र टिक्कू का काम भी शानदार है। 
 
सुपरस्टार राजेश खन्ना की नीरजा बहुत बड़ी फैन थीं। काका की फिल्म का एक संवाद है कि जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं। इस संवाद को 23 वर्षीय नीरजा ने सही मायनो में जिया था। 
 
बैनर : फॉक्स स्टार स्टुडियोज़, ब्लिंग अनप्लग्ड
निर्माता : अतुल कस्बेकर
निर्देशक : राम माधवानी 
संगीत : विशाल खुराना
कलाकार : सोनम कपूर, शबाना आज़मी‍, शेखर रावजिआनी, योगेन्द्र टिक्कू
सेंसर सर्टिफिकेट : यू * 2 घंटे 2 मिनट
रेटिंग : 3.5/5 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

नीरजा को आप पांच में से कितने अंक देंगे?