स्पाइडर मैन नो वे होम, स्पाइडर मैन : होमकमिंग (2017) और स्पाइडरमैन : फार फ्रॉम द होम (2019) का सीक्वल है। यदि आपने पिछली फिल्में नहीं भी देखी हो तो भी इसे नई फिल्म की तरह देख सकते हैं। पुरानी फिल्में देख रखी हो तो मजा डबल हो जाता है। निर्देशक जॉन वाट्स ने इसे स्पाइडर मैन के फैंस के लिए बनाया है और इतना सारा मसाला दिया है कि पैसे वसूल हो जाते हैं।
फिल्म इस बात से शुरू होती है कि पीटर पार्कर ही स्पाइडर मैन है यह राज खुल गया है। पूरी दुनिया यह बात जान जाती है और अचानक कुछ लोग उसे विलेन भी बना देते हैं। पीटर और उसके नजदीकी लोगों का जीवन मुश्किल हो जाता है।
डॉक्टर स्ट्रेंज के पास पीटर पहुंचता है और मदद मांगता है। स्ट्रेंज के पास एक फॉर्मूला है जिसके जरिये पूरी दुनिया यह बात भूल जाएगी कि पीटर पार्कर ही स्पाइडर मैन है। वह जब अपना काम करते रहते हैं तो पीटर कई बार उन्हें टोकता है और इससे बात बनने के बजाय और बिगड़ जाती है।
मल्टीवर्स खुल जाता है और स्पाइडर मैन मूवीज़ के पांच पुराने विलेन, ग्रीन गोबलिन, सैंडमैन, लिज़ार्ड, ओक और इलेक्ट्रो आ धमकते हैं। मुश्किल बढ़ जाती है। किस तरह से स्पाइडर मैन इनसे निपटता है यह फिल्म का सार है। उसकी मदद के लिए कुछ लोग भी आगे आते हैं और यह फिल्म का एक खास मोड़ है जो फैंस को रोमांचित कर देता है।
स्पाइडर मैन नो वे होम की कहानी पर खासी मेहनत की गई है जिसमें कई उतार-चढ़ाव आते हैं जो आपको सीट पर बैठे रहने के लिए मजबूर कर देते हैं। फिल्म का पहला घंटा पीटर पार्कर, उसकी गर्लफ्रेंड, दोस्त और स्ट्रेंज को लेकर समर्पित है कि वे किस तरह से चुनौती से निपटने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब हालात बिगड़ जाते हैं तो फिल्म अलग ही ऊंचाइयों पर पहुंच जाती है।
फिल्म का दूसरा हिस्सा बहुत तेज और एक्शन से भरपूर है। क्लाइमैक्स लगभग एक घंटा चलता है और इस दौरान एक से बढ़ कर एक सीन देखने को मिलते हैं जो रोमांचित कर देते हैं। ऐसे कई सीन आते हैं जब स्पाइडरमैन के फैंस ताली और सीटी बजाने पर मजबूर हो जाते हैं।
फिल्म का स्क्रीनप्ले बेहतरीन लिखा गया है जिसमें रोमांस, एक्शन, इमोशन, स्पेशल इफेक्ट्स का खासा ध्यान रखा गया है। दर्शकों को सोचने का ज्यादा मौका नहीं मिलता और फिल्म तूफानी स्पीड से भागती है। हर किरदार की जोरदार तरीके से एंट्री कराई गई है जो फैंस को रोमांचित करती है। स्पाइडर मैन की मदद के लिए दो लोगों का आना फिल्म का मास्टर स्ट्रोक कहा जा सकता है।
पीटर पार्कर का किरदार लोगों को अपना सा लगता है। उसे अपनी शक्तियों पर जरा भी घमंड नहीं है। अच्छाई पर चलना उसे पसंद है। उसका मानना है कि सभी को एक मौका और मिलना चाहिए, इसलिए वह मुसीबत में भी फंसता है, लेकिन अपना सिद्धांत नहीं छोड़ता। पीटर की ये सब बातें दृश्यों के माध्यम से बहुत ही अच्छे तरीके से अभिव्यक्त की गई है। हॉलैंड, ज़ेंडाया और बैटलन एक शानदार तिकड़ी है, इनकी केमिस्ट्री फिल्म को निखारती है। फिल्म को एक इमोशनल नोट पर खत्म किया गया है और अगली फिल्म के लिए खासी गुंजाइश बनाई गई है।
निर्देशक जॉन वाट्स ने हास्य, भावना और एक्शन के बहाव को बखूबी नियंत्रित किया है। बीच-बीच में कॉमिक सीन डाल कर उन्होंने फिल्म को भारी होने से बचाया है। बेहतरीन वीएफएक्स का उपयोग कर दर्शकों को बड़े परदे का मजा दिया है। खासतौर पर थ्री-डी में इन इफेक्ट्स को देखने पर मजा दोगुना हो जाता है।
इस बात पर कुछ लोगों को शिकायत हो सकती है कि फिल्ममेकर और लेखकों ने नया सोचने के बजाय पुरानी फिल्मों से ही किरदार उधार लेकर फिल्म बना दी है और फैंस को खुश करने के चक्कर में कुछ ज्यादा ही बहक गए हैं।
टॉम हॉलैंड ने अपनी मासूमियत का बेहतरीन इस्तेमाल किया है और अपने कैरेक्टर की अच्छाई को चेहरे के जरिये फिल्म में दर्शाया है। कॉमिक और इमोशनल सीन में एक एक्टर के रूप में उनकी काबिलियत नजर आती है। एमजे के रूप में ज़ेंडाया का अभिनय शानदार है और वे जब-जब स्क्रीन पर आती हैं फिल्म दमकने लगती है। टोबी मागुइरे, एंड्रयू गारफील्ड, ज़ेंडाया, बेनेडिक्ट कंबरबैच, जैकब बैटलन, जॉन फेवर्यू सहित सारे अभिनेताओं ने अपने-अपने रोल को जिया है।
फिल्म के वीएफएक्स और सीजीआई में बेहद सफाई है और फिल्म देखते समय ये कई आनंद के क्षण प्रदान करते हैं। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक प्रभावों को और बढ़ाता है। तकनीकी स्तर पर फिल्म बेहद सशक्त है।
स्पाइडर मैन : नो वे होम में वो सारी खूबियां हैं जो एक ब्लॉकबस्टर मूवी में होती है।
निर्देशक : जॉन वाट्स
कलाकार : टॉम हॉलैंड, टोबी मागुइरे, एंड्रयू गारफील्ड, ज़ेंडाया, बेनेडिक्ट कंबरबैच, जैकब बैटलन, जॉन फेवर्यू
सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 28 मिनट 21 सेकंड
रेटिंग : 3.5/5