Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मिर्च : फिल्म समीक्षा

Advertiesment
हमें फॉलो करें मिर्च
PR
बैनर : रिलायंस बिग पिक्चर्स
निर्देशक : विनय शुक्ला
संगीत : मोंटी शर्मा
कलाकार : श्रेयस तलपदे, कोंकणा सेन शर्मा, शहाना गोस्वामी, राइमा सेन, राजपाल यादव, बोमन ईरानी, प्रेम चोपड़ा, सौरभ शुक्ला, टिस्का चोपड़ा, इला अरुण, अरुणोदय सिंह
सेंसर सर्टिफिकेट : ए * 1 घंटा 56 मिनट
रेटिंग : 2.5/5

निर्देशक विनय शुक्ला की‍ फिल्म सेक्स में स्त्री-पुरुष की बराबरी की बात करती है। सेक्स को लेकर पुरुषों की अपनी भ्रांतियाँ है। वह इसे केवल अपना ही अधिकार समझता है। यदि स्त्री पहल करे या सेक्स संबंधी अपनी इच्छा को जाहिर करे तो उसे चालू बता दिया जाता है। सुंदर पत्नी के पति अक्सर शक ही करते रहते हैं।

फिल्मों में स्त्री को ज्यादातर आदर्श रूप में ही पेश किया जाता है, जबकि पुरुष लंपट हो सकते हैं। वे धोखा दे सकते हैं। लेकिन ‘मिर्च’ की स्त्रियाँ अपने पति को धोखा देती है और रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद चतुराई से बच निकलती हैं।

फिल्म में एक संवाद है कि पुरुषों की तुलना में स्त्री ज्यादा होशियार रहती हैं और इसी वजह से अपनी शारीरिक शक्ति के जरिये पुरुष उन्हें दबाते रहते हैं। फिल्म में इन बातों को गंभीरता से नहीं बल्कि मजेदार तरीके से चार कहानियों के जरिये कहा गया है और इन चारों कहानियों को एक और कहानी से जोड़ा गया है।

webdunia
PR
पहली कहानी पंचतंत्र से प्रेरित है, जिसमें एक महिला दूसरे पुरुष से संबंध बनाने जा रही है और खाट के नीचे छिपे अपने पति को देख लेती। बड़ी चतुराई से वह अपने आपको निर्दोष साबित करती है।

दूसरी कहानी इटालियन क्लासिक ‘द डेनकेमेरॉन’ से प्रेरित है जिसमें एक बूढ़ा अपने से उम्र में बहुत छोटी स्त्री से शादी कर लेता है ताकि जमाने के सामने अपने दमखम को साबित कर सके।

उसकी पत्नी आखिर एक इंसान है और उसकी भी अपनी ख्वाहिश है। वह अपने सेवक से संबंध बनाती है जो उसके आगे तीन शर्तें रखता है। इंटरवल के पहले दिखाई ये दोनों कहानियाँ बेहद उम्दा हैं, लेकिन इसके बाद की दोनों कहानियों में वो बात नहीं है।

श्रेयस को अपनी खूबसूरत पत्नी पर शक है क्योंकि वह बेहद कामुक है। श्रेयस भेष बदलकर उसकी परीक्षा लेता है, जिससे उसकी पत्नी का दिल टूट जाता है। इस कहानी से भी खराब है बोमन और कोंकणा वाली अंतिम कहानी। इसे सिर्फ फिल्म की लंबाई बढ़ाने के लिए रखा गया है।

‘मिर्च’ को ‘ए सेलिब्रेशन ऑफ वूमैनहूड’ बताने वाले निर्देशक विनय शुक्ला ने अलग तरह की थीम चुनी है और अपनी बात को मनोरंजक तरीके से रखने की कोशिश की है। यदि वे अंतिम दो कहानियों को भी पहली दो कहानियों की तरह रोचक बनाते तो बात ही कुछ और होती। फिर भी उन्हें इस बात की दाद दी जा सकती है कि एक गंभीर मुद्दे को उन्होंने चतुराई, चालाकी और हास्य के साथ पेश किया। उनके द्वारा फिल्माए गए सीन वल्गर नहीं लगे।

webdunia
PR
फिल्म में कई नामी कलाकार हैं, जिन्होंने एक से ज्यादा रोल किए हैं। कोंकणा सेन जैसी सशक्त अभिनेत्री होने के बावजूद राइमा सेन बाजी मार ले जाती है। कोंकणा थोड़ी असहज नजर आई, जबकि राइमा का अभिनय नैसर्गिक लगता है।

अरुणोदय सिंह भी अब अपनी पहचान बनाते जा रहे हैं और यहाँ मिले मौके का उन्होंने अच्छा फायदा उठाया। शहाना गोस्वामी, राजपाल यादव और प्रेम चोपड़ा ने भी अपने किरदारों के साथ न्याय किया, जबकि बोमन ईरानी ने जमकर ओवर एक्टिंग की।

गानों की फिल्म में ज्यादा गुंजाइश नहीं थी, इसके बावजूद ‘बदरा’ का अच्छा उपयोग किया गया। ‘मिर्च’ अपेक्षाओं पर खरी तो नहीं उतरती, लेकिन एक अलग थीम के कारण इसे देखा जा सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi