Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मेरे ब्रदर की दुल्हन : फिल्म समीक्षा

Advertiesment
हमें फॉलो करें मेरे ब्रदर की दुल्हन

समय ताम्रकर

PR
बैनर : यशराज फिल्म्स
निर्माता : आदित्य चोपड़ा
निर्देशक : अली अब्बास जफर
संगीत : सोहेल सेन
कलाकार : इमरान खान, कैटरीना कैफ, अली जफर, तारा डिसूजा, कंवलजीत सिंह, परीक्षित साहनी
सेंसर सर्टिफिकेट : यू/ए * 2 घंटे 20 मिनट
रेटिंग : 3.5/5

शादी की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्में लगातार देखने को मिल रही हैं और दर्शकों द्वारा पसंद भी की जा रही हैं। बैंड बाजा बारात ने सफलता के झंडे गाड़े और तनु वेड्स मनु को भी सराहा गया। यशराज फिल्म्स की ‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’ पर भी शादी का रंग चढ़ा हुआ है। शादी की तैयारियां चल रही हैं, मेहमान आ रहे हैं, रस्म अदायगी हो रही है और इसी बीच कुश (इमरान खान) को अपने भाई लव (अली जाफर) की मंगेतर डिम्पल (कैटरीना कैफ) से प्यार हो जाता है।

वैसे इस तरह की कहानी पर आधारित फिल्म ‘सॉरी भाई’ कुछ वर्ष पहले आई थी। ‘तनु वेड्स मनु’ से भी ट्रीटमेंट के मामले में यह फिल्म काफी मिलती-जुलती है। फर्क इतना है कि यहां भाई की होने वाली पत्नी से इश्क हो जाता है। किरदार भी तनु वेड्स मनु जैसे हैं। कंगना जैसी बोल्ड और बिंदास यहां कैटरीना भी हैं। वह भी शराब गटकती है और बीड़ी फूंकती है। माधवन को उस फिल्म में सीधा-सादा नौजवान दिखाया गया था और ऐसा ही किरदार इमरान खान का है।

दरअसल ‍निर्देशक अली अब्बास जाफर पुरानी कई फिल्मों से प्रभावित हैं और उन्हीं को आधार बनाकर उन्होंने ‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’ की स्क्रिप्ट लिखी है। कई जगह उन्होंने पुराने गानों का उपयोग किया है और कई फिल्मों के दृश्यों का उल्लेख भी किया है।

शाहरुख खान ने ‘माई नेम इज खान’ में जो किरदार निभाया था वैसा ही किरदार कैटरीना के भाई के रूप में देखने को मिलता है। वह अभिनय भी शाहरुख की तरह करता है। कुल मिलाकर अली अब्बास जाफर एक मनोरंजक फिल्म बनाना चाहते थे और उसमें पूरी तरह वे कामयाब रहे हैं।

webdunia
PR
कुश की डिम्पल से एक छोटी-सी मुलाकात पांच वर्ष पहले हुई थी। जब उसे वह फैशनेबल जानवर नजर आई थी। अपने लंदन में रहने वाले भाई लव के लिए वह दुल्हन तलाशने निकलता है और संयोग से डिम्पल से भी उसकी मुलाकात हो जाती है। डिम्पल अब काफी बदल चुकी है और कुश को वह अपने भाई के लिए परफेक्ट लगती है।

शादी की तैयारियां चल रही हैं। लव लंदन से आने वाला है। उसके आने के पहले डिम्पल का ज्यादातर वक्त कुश के साथ गुजरता है। शादी के पहले वह दो दिन मौज-मस्ती के साथ जीना चाहती है। कुश उसका साथ देता है। फिर लव आता है। डिम्पल, लव के साथ समय व्यतीत करती है, लेकिन कुश को मिस करती है। ऐसा ही हाल कुश का भी है। दोनों को समझ में आता है कि वे एक-दूसरे को चाहने लगे हैं।

डिम्पल चाहती है कि वह और कुश भाग कर शादी कर ले, लेकिन कुश तैयार नहीं है। वह मध्यमवर्गीय परिवार से है। पिता की इज्जत, होने वाली भाभी के साथ भागने का लांछन, बदनामी के कारण वह तैयार नहीं है।

वह और डिम्पल मिलकर एक प्लान बनाते हैं ताकि लव अपने आप रास्ते से हट जाए। परिस्थितियां ऐसी पैदा हो कि सभी की मर्जी से उनकी शादी हो। किस तरह उनकी योजना कामयाब होती है, ये फिल्म में कॉमेडी के सहारे दिखाया गया है।

कुछ लोगों को इस बात पर ऐतराज हो सकता है कि कैसे आप अपने होने वाली भाभी के साथ इश्क लड़ा सकते हैं। अपने ही सगे भाई को धोखा दे सकते हैं, लेकिन फिल्म देखते समय इन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता क्योंकि स्क्रीनप्ले कसा हुआ और मनोरंजन से भरपूर है। ज्यादा सोचने का वक्त नहीं मिलता।

इंटरवल तक तो फिल्म में इतनी तेजी से सब कुछ घटित होता है कि उत्सुकता बढ़ती है कि इसके बाद अब क्या देखने को मिलेगा। इंटरवल के बाद थोड़े ‘डल सीन’ आते हैं, लेकिन फिल्म फिर रफ्तार पकड़ लेती है।

फिल्म में कई सीन बेहतरीन बन पड़े हैं, जैसे- कैटरीना का इमरान को भगा कर ले जाना, एअरपोर्ट पर इमरान और कैटरीना का अली को लेने जाना, अली का इमरान के सामने स्वीकारना कि वह कैटरीना से शादी नहीं कर सकता, कैटरीना और इमरान का भेष बदल कर घूमना।

चुटीले संवाद और सिचुएशनल कॉमेडी होने से फिल्म में बेहद मनोरंजक है। बतौर निर्देशक अली अब्बास जफर की यह पहली फिल्म है, लेकिन उनका काम किसी अनुभवी निर्देशक की तरह लगता है। चूंकि स्क्रीनप्ले भी उनका लिखा हुआ है इसलिए फिल्म पर उनकी पकड़ और मजबूत है।

फिल्म के मूड को ध्यान में रखते हुए अली ने सभी कलाकारों से थोड़ी-सी ओवर एक्टिंग करवाई है, जो अच्छी लगती है। कैटरीना कैफ को अपने करियर की बेहतरीन भूमिकाओं में से एक मिली है, जिसका उन्होंने अच्छा फायदा उठाया है। पूरी फिल्म उनके किरदार के इर्दगिर्द घूमती है। उनकी एक्टिंग प्रभावी है, लेकिन वे और अच्छा कर सकती थीं।

webdunia
PR
इमरान खान इस तरह के रोल पहले भी कर चुके हैं। उनके लिए कुश का किरदार नई बात नहीं है। अली जाफर ने अपने किरदार को स्टाइलिश लुक दिया है।

फिल्म का संगीत भी इसका प्लस पाइंट है। सोहेल सेन ने ‘मधुबाला’, धुनकी’, ‘छूमंतर’ और ‘इश्क रिस्क’ की अच्छी धुनें बनाई हैं। इरशाद कामिल के बोल भी उम्दा है। तकनीकी रूप से फिल्म सशक्त है।

‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’ एक हल्की-फुल्की और मनोरंजक फिल्म है, जिसे देखा जा सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi