निर्देशक : मेहरीन जब्बारकलाकार : नंदिता दास, रशीद फारूकी, नोमान इज़ाज, मारिया वास्ती, नवैद जब्बार, सईद फजल हुसैन ज्यादातर पाकिस्तानी फिल्मों में भड़कीले सेट, लाउड एक्टिंग और खून-खराबा देखने को मिलता है, लेकिन अब नजारा बदल रहा है। पहले ‘खुदा के लिए’ और अब ‘रामचंद पाकिस्तानी’ के बाद लग रहा है कि पाकिस्तानी फिल्मों का स्तर भी ऊँचा उठ रहा है। ‘रामचंद पाकिस्तानी’ एक सीधी-सादी और सच्ची कहानी है। एक बच्चा और उसके पिता गलती से एलओसी लाँघ जाते हैं और इसके बदले में उनको भारतीय जेल में डाल दिया जाता है। इस विषय को निर्देशक मेहरीन जब्बार ने बड़ी कुशलता के साथ परदे पर उतारा है। यह फिल्म उन लोगों के बारे में सोचने के लिए मजबूर करती है जो गलती से सीमा-रेखा पार कर जाते हैं और जेलों में वर्षों से बंद हैं। सत्य घटनाओं पर फिल्म बनाना आमतौर पर कठिन होता है, लेकिन निर्देशक मेहरीन जब्बार ने कोशिश की और सफल रहे हैं। फिल्म में कुछ कमियाँ भी हैं। मुख्य कहानी के साथ-साथ कुछ घटनाक्रम चलते हैं। यदि निर्देशक सिर्फ मुख्य मुद्दे पर ही ध्यान देते तो फिल्म में और निखार आता।
रामचंद पाकिस्तानी में अभिनय देखने लायक है। हर कलाकार ने शानदार अभिनय किया है, लेकिन बाजी मार ले जाते हैं सईद फज़ल हुसैन। नवेद जब्बार का अभिनय भी उल्लेखनीय है। नंदिता दास, रशीद फारूकी और नोमान इजाज ने भी अपने किरदार उम्दा तरीके से निभाए हैं।
एक सरल कहानी को ‘रामचंद पाकिस्तानी’ में उम्दा तरीके से पेश किया गया है। यदि आप कुछ हटकर देखना चाहते हैं तो यह फिल्म आपके लिए है।