ind-pak crisis

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हिस्स : टाँय-टाँय फिस्स

Advertiesment
हमें फॉलो करें हिस्स

समय ताम्रकर

PR
बैनर : स्पलिट इमेज पिक्चर्स, वीनस रेकॉर्डस एंड टेप्स
निर्माता : गोविंद मेनन, विक्रम सिंह
निर्देशक : जेनिफर लिंच
कलाकार : मल्लिका शेरावत, जेफ डॉसिट, इरफान खान, दिव्या दत्ता
* केवल वयस्कों के लिए * 1 घंटा 44 मिनट * 12 रील
रेटिंग : 0.5/5

मल्लिका शेरावत ‘हिस्स’ फिल्म के प्रचार के लिए कह रही हैं कि वे देखने वालों की नींदे उड़ा देंगी, सही कह रही हैं। बोर फिल्म देखने के बाद तो नींद आ जाती है, लेकिन ‘हिस्स’ जैसी बुरी फिल्म देखने के बाद नींद आ ही नहीं सकती।

मल्लिका ने इस फिल्म के लिए बॉलीवुड फिल्मों के ऑफर ठुकरा दिए। लंबा समय हॉलीवुड में बिताया। पोस्ट प्रोडक्शन पर महीनों काम चला, लेकिन मामला टाँय-टाँय फिस्स हो गया।

webdunia
PR
एक अंग्रेज को कैंसर है। छ: महीने उसके पास बचे हैं। वह भारत आकर नागमणि हासिल करना चाहता है ताकि अमर हो जाए। एक नाग को वह पकड़ लेता है, ताकि नागिन उसके पास आए और बदले में वह उससे मणि हासिल कर सके।

इस दो लाइन की कहानी को भी ठीक से पेश नहीं किया गया है। स्क्रीनप्ले में न तो मनोरंजन है और लॉजिक को भी दरकिनार रख दिया गया है। नागिन के अलावा इरफान खान, उनकी पत्नी और सास वाला ट्रेक भी है, जो बेहद कमजोर और बोरिंग है।

पूरी फिल्म में नागिन बनी मल्लिका शेरावत एक भी शब्द नहीं बोलती है। ठीक है, नागिन इंसानों की भाषा नहीं जानती, लेकिन जब वे मनुष्य का रूप धारण कर सकती है तो बोल भी सकती थी। इससे अच्छी तो हमारी बॉलीवुड फिल्में हैं, जिसमें इच्छाधारी नागिन न केवल बोलती थी, बल्कि गाती और डांस भी करती थी। कम से कम मनोरंजन तो होता था।

निर्देशक जेनिफर लिंच ने एक विदेशी नजरिये से भारत को देखा है। तंग गलियाँ, पुराने मकान, गंदगी, गटर, जाहिल किस्म के लोगों का बैकड्रॉप उन्होंने रखा है। उनके प्रजेंटेशन में से एंटरटेनमेंट गायब है। न ही ड्रामे में कोई उतार-चढ़ाव है। फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्‍स की बड़ी चर्चा थी, लेकिन इनमें कोई खास बात नजर नहीं आती है।

webdunia
PR
मल्लिका शेरावत का अभिनय निराशाजनक है। सिवाय इधर-उधर घूमने के उन्होंने कुछ नहीं किया है। इरफान खान जैसे अभिनेता को इस तरह की भूमिका में देख आश्चर्य होता है। उनके द्वारा अभिनीत घटिया फिल्मों में की सूची में ‘हिस्स’ का नाम जरूर शामिल रहेगा। जैफ डॉसिटी और दिव्या दत्ता भी कोई असर नहीं छोड़ते हैं।

‘हिस्स’ के बजाय तो इच्छाधारी नागिन पर आधारित पुरानी फिल्में देखना लाख गुना बेहतर है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi