पारंपरिक घंटी :घंटियाँ आठ, बारह, सोलह, अठारह या बाईस अंगुल की ऊँचाई वाली हो सकती हैं। इनका आकार नीचे से गोल होता है और उसके ऊपर देवी प्रजनापरामिता का चेहरा बना होता है। सबसे ऊपर कमल, चाँद और वज्र बने होते हैं। वज्र के साथ इस्तेमाल करने पर घंटी ज्ञान को इंगित करती है।
वज्र :
वज्र में नौ, पाँच या तीन ताड़ियाँ होती हैं। शांतिमय वज्र के छोर पर ताड़ियाँ आपस में मिली हुई होती हैं जबकि हिंसक वज्र के छोर थोड़े फैले हुए होते हैं।