जानिए सिद्धार्थ का 'गौतम बुद्ध' बनने का सफर
किन कारणों से प्रेरित होकर सिद्धार्थ बने 'बुद्ध'
एक दिन सिद्धार्थ बगीचे में घूमने के लिए घर से निकले। कड़ा पहरा होने पर भी पता नहीं कैसे, कुछ लोग मुर्दे को उठाकर ले जाते दिखाई दिए।
मुर्दा कपड़े में लिपटा और डोरियों से बंधा था। मरने वाले के संबंधी जोर-जोर से रो रहे थे। उसकी पत्नी छाती पीट-पीटकर रो रही थी। उसकी मां और बहनों का बुरा हाल था।
राजकुमार ने सारथी से इस रोने-पीटने का कारण पूछा।