- राजेन्द्र कोठारी
भारत सरकार के वित्तमंत्री ने वर्ष 2008-09 के बजट में उत्पादकता बढ़ाने और क्षमता के विकास करने के मंत्र पर जोर दिया। दवा उद्योग के लिए एक्साइज ड्यूटी 16 से 8 प्रतिशत कर मध्यप्रदेश के दवा उद्योग को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि हिमाचल में लगे दवा उद्योग पर एक्साइज नहीं है।
एल्युमीनियम, लोहे के स्क्रेप पर कस्टम ड्यूटी खत्म करने से इन उद्योगों की कच्चे माल की जरूरत में कीमतों की कमी आएगी और उपलब्धता बढ़ेगी। बिजली उत्पादन पर जोर बजट की एक प्रमुख घोषणा है जिससे सभी क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने में मदद होगी। टेक्सटाइल पार्क और टफ स्कीम पाँच साल तक और चलेगी।
सर्विस टैक्स की न्यूनतम सीमा आठ लाख से बढ़ाकर दस लाख कर दी गई है। मध्यप्रदेश के लिए इस बजट में भारतीय साइंस एवं अनुसंधान केंद्र, स्कूल ऑफ प्लानिंग और एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय मिला। साथ में खजुराहो, भीमबेटका, साँची के आसपास खुलने वाले सितारा होटलों को पाँच साल का इनकम टैक्स माफ होगा।
जिलों में बड़े अस्पतालों को भी पाँच साल के लिए इनकम टैक्स माफ कर दिया है। ढाई हैक्टेयर भूमि तक के किसानों के दिसंबर 2007 तक के कर्जे माफ कर दिए हैं और बड़े किसानों को 25 प्रतिशत कर्ज में माफी दे दी गई है, कर्जमाफी की सुविधा कृषि के क्षेत्र में उत्पादकता लाने में मदद करेगी। कोल्ड चेन में ढाई टन के कम्प्रेशर स्तर पर एक्साइज ड्यूटी की कमी से कोल्ड चेन गाँव में बढ़ाने में मदद होगी। पिछड़े जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि में मदद से मध्यप्रदेश विकास की नई मंजिल प्राप्त करेगा। व्यक्तिगत इनकम टैक्स में कमी से कर्मचारियों को मदद मिलेगी।
इस बजट से मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल उद्योग, ऑटोमोबाइल उद्योग, सूचना तकनीक पर आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण के उद्योग एवं बिजली, सीमेंट उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और मध्यप्रदेश में औद्योगिकीकरण की दिशा में यही उद्योग प्रमुख भूमिका निभाते हैं। मध्यप्रदेश में भारत सरकार के इस बजट से भरपूर लाभ उठाकर मध्यप्रदेश का आर्थिक स्तर मजबूत होगा।