भारतीय मजदूर संघ ने आयकर के लिए आय सीमा ढाई लाख रुपए करने तथा महँगाई भत्ते, मकान, किराया और शहरी भत्ते को आयकर की सीमा से अलग रखने की माँग की है।
मजदूर संघ की विज्ञप्ति में कहा गया है कि आय के अतिरिक्त मिलने वाली सुविधाओं पर आयकर नहीं काटा जाए तथा मानक कटौती की सुविधा पुनः शुरू की जाए।
बजट में छठे वेतन आयोग की संभावित रिपोर्ट के मद्देनजर कर्मचारियों को उनके संशोधित वेतनमान बकाया राशि आदि के भुगतान की व्यवस्था करनी चाहिए।
मजदूर संघ ने चेतावनी दी है कि खुदरा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश के कारण लगभग चार करोड़ मजदूर बेरोजगार होने वाले हैं। इसलिए सरकार को बड़े-बड़े मॉल कल्चर की कल्पना को छोड़ना चाहिए।
इसी तरह विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की मौजूदा परिकल्पना से किसान परेशान है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 90 हजार करोड़ रुपए के राजस्व हानि की संभावना है। इसलिए सरकार को सेज को ठंडे बस्ते में डालना चाहिए।
मजदूर संघ ने कर्मचारी भविष्य निधि की ब्याज दर नौ प्रतिशत करने की माँग की है और आवश्यक वस्तुओं की कीमतो में वृद्धि पर चिंता जताई है।