देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी ने कहा है कि सरकार को प्रोत्साहनों को एक झटके में वापस नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार बाधित हो सकती है।
ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (आइमा) के पुरस्कार समारोह के मौके पर मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा यदि समूचे प्रोत्साहन पैकेज को एक झटके में वापस लिया जाता है तो इससे आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार थम सकती है।
उद्योग जगत ने सरकार से माँग की है कि बजट में प्रोत्साहनों को वापस नहीं लिया जाए, क्योंकि उद्योग अभी मंदी की मार से पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं। भार्गव ने कहा कि इस बारे में संतुलित तरीके से विचार की जरूरत है कि किस तरह आर्थिक वृद्धि को भी बरकरार रखा जाए और राजकोषीय स्थिरता भी हासिल हो सके।
पिछले सप्ताह भारी उद्योग मंत्री विलासराव देशमुख ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मंदी के दौर में वाहन उद्योग को दिए गए प्रोत्साहन पैकेज को जारी रखने का आग्रह किया था।
देशमुख ने कहा हमने वाहन उद्योग के लिए प्रोत्साहन जारी रखने का आग्रह किया है। सितंबर, 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार ने उत्पाद शुल्क छह प्रतिशत की कटौती की थी। इससे कीमतों में कमी आई थी और माँग बढ़ाने में मदद मिली थी।
वाणिज्यिक वाहन वर्ग को गति देने के लिए राज्यों को शहरी परिवहन के लिए जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत ज्यादा बसें खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।
चालू वित्त वर्ष के पिछले कुछ माह के दौरान वाहन उद्योग के विकास के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा कि 2008-09 से तुलना ठीक नहीं है, क्योंकि उस साल का आधार काफी नीचा था। यदि आप वास्तव में तुलना करना चाहते हैं तो आपको 2007-08 के आँकड़ों को देखना चाहिए। तब आपको पता चलेगा कि वाहन क्षेत्र की वृद्धि इतनी ज्यादा नहीं है। भार्गव को आज आइमा ने प्रबंधन के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। (भाषा)