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पेशेवरों को आगामी बजट से उम्मीदें

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नई दिल्ली , बुधवार, 23 फ़रवरी 2011 (20:44 IST)
छोटे कारोबारियों और पेशेवर सेवाएँ देने वाले चाहते हैं कि वित्त मंत्री इस बार के अपने बजट भाषण में उन्हें कारोबार की सालाना आडिट की शर्तों में कुछ और ढील देने की घोषणा करें।

उल्लेखनीय है कि कारोबारियों को 60 लाख रुपए और विभिन्न पेशेवरों को 15 लाख रुपए के सालाना कारोबार पर अपने खातों का अनिवार्य ऑडिट कराने से छूट मिली है। उद्योग जगत के लोगों और विशेषज्ञों को उम्मीद है कि बजट में यह सीमा बढकर क्रमश: एक करोड़ रुपए और 25 लाख रुपए की जा सकती है।

आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि महँगाई की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) के आर्थिक सलाहकार अंजन राय ने लगातार उच्चस्तर पर बनी महँगाई की स्थिति को देखते हुए यह सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। इसके साथ ही इन को कर मामले में भी अनुमानित कर भुगतान की सुविधा को जारी रखा जाना चाहिए।

पीएचडी मंडल की अर्थशास्त्री शोभा आहुजा ने भी इसकी वकालत करते हुए कहा कि छोटे उद्यमियों और व्यावसायियों के मामले में कागजी कारवाई को सरल रखा जाना चाहिए। उन्हें लेखा बही और ऑडिट के झंझट से मुक्त रखा जाना चाहिए, इसके साथ ही इसकी छूट सीमा को 60 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए और डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट तथा दूसरे व्यक्तिगत स्तर पर पेशा करने वाले पेशेवरों के 25 लाख रुपए तक के कारोबार को भी लेखा परीक्षा से मुकत रखा जाना चाहिए।

शोभा ने कहा इस सीमा के भीतर कारोबार करने वाले खुदरा कारोबारियों और पेशेवरों को अनुमान के आधार पर उनकी कुल प्राप्ति का करीब 8 प्रतिशत की दर से कर भुगतान की सुविधा भी जारी रखा जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे इन कारोबारियों को काफी राहत पहुँचेगी और वह स्वेच्छा से कर भुगतान के लिए प्रेरित होंगे। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पिछले बजट में ही छोटे व्यावसायियों के लिए छूट सीमा 40 लाख से बढ़ाकर 60 लाख रुपए कर दी थी। वहीं पेशेवरों के मामले में इसे 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया गया था।

मुखर्जी 28 फरवरी को लोकसभा में 2011-12 का बजट पेश करेंगे। (भाषा)

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