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मध्यप्रदेश में घाटे का बजट पेश

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, गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011 (17:59 IST)
सरकार ने वर्ष 2011-12 के बजट में प्रसंस्करण के लिए राज्य के बाहर से मँगाए जाने वाली चाय की पत्ती और कच्चे तेल को प्रवेश कर से मुक्त करने तथा ईंधन के रूप में गैस का इस्तेमाल करने वाली मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को राहत देते हुए प्राकृतिक गैस पर वैट की दर घटाने का प्रस्ताव किया है।

वित्त मंत्री राघवजी ने आज विधान सभा में 78 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश किया जिसमें रेस्त्राँ और कैटरिंग सेवा के भोजन और नाश्ते, कागज और प्लास्टिक की प्लेट चम्मच कटोरी, 150 रुपए प्रति नग से कम मूल्य के सीएफएल बल्ब, सिंचाई के पम्पों में लगने वाले फुट वॉल्व पर वैट की दर घटाने तथा सरसों की खली तथा कचरे से बनने वाले ईंधन पर वैट समाप्त करने का प्रस्ताव किया।

वित्त मंत्री ने 2011-12 में राज्य सरकार की कुल प्राप्तियाँ 65931 करोड़ रुपए तथा कुल खर्च 65845 करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया है।

राघवजी ने अपने बजट भाषण में वस्तु एवं सेवा कर 'जीएसटी' में केंद्र द्वारा प्रस्तावित कर ढाँचे की आलोचना की।

बजट में रेस्तराँ में परोसे जाने वाले पके हुए स्वल्पाहार, रेस्तराँ के अतिरिक्त केटरर द्वारा परोसे जाने वाले पके हुए स्वल्पाहार तथा भोजन, कागज तथा प्लास्टिक से बने प्लेट कटोरी एवं चम्मच, 150 रुपए प्रति नग तक की कीमत वाले सीएफएल बल्व, सिंचाई पंपों में प्रयुक्त होने वाले फुट वॉल्व पर वैट की दर 13 प्रतिशत से घटाकर पाँच प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। सरसों की खली, कचरे से बने ईंधन तथा पंचामृत नामा कट्टी एवं विभूति पर से वेट कर समाप्त कर दिया गया है।

मध्यप्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों में ईधन के रूप में प्रयुक्त होने वाले प्राकृतिक गैस पर भी प्रभावी वेट दर 13 प्रतिशत से घटाकर पाँच प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।

राघवजी ने जिन वस्तुओं को प्रवेश कर से मुक्त किया गया है उनमें मिश्रण के लिए लाई गई चाय की पत्ती, प्रसंस्करण और शोधन के लिए लाया गया कच्चा खाद्य तेल शामिल हैं।

वित्त मंत्री ने नगरीय अधोसंरचना के विकास हेतु अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था करने के लिए कोयले पर प्रवेश कर की दर दो प्रतिशत से बढ़ाकर तीन प्रतिशत करना प्रस्तावित है। इससे 20 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्ति का अनुमान है।

वित्त मंत्री प्रदेश के बाहर निर्माण कार्य हेतु लाए जाने वाले लोहे व इस्पात पर देय प्रवेश कर की दर इस वर्ष दो प्रतिशत से बढ़ाकर पाँच प्रतिशत की गई है। प्रदेश के बाहर से विक्रय हेतु लाए जाने वाले लोहे तथा इस्पात पर भी प्रवेश कर की दर दो प्रतिशत से बढ़ाकर पाँच प्रतिशत करना प्रस्तावित है। इससे दस करोड़ रुपए का राजस्व होने को अनुमान है।

वित्तमंत्री ने केन्द्र सरकार के जीएसटी के प्रस्तावित कर ढाँचे का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकारें जीएसटी में भी वेट कर की तरह आवश्यक वस्तुओं के लिए कर की निम्न दरें तथा अन्य वस्तुओं के लिये सामान्य दर चाहती हैं परन्तु केन्द्र सरकार सभी वस्तुओं पर आठ प्रतिशत की एक ही दर चाहती है, लेकिन इससे आम आदमी पर कर का बोझ बढ़ेगा और सम्पन्न वर्ग को फायदा होगा परन्तु राज्यों के राजस्व की भारी हानि होगी। (भाषा)

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