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उद्योग जगत प्रणब दा से खुश

आम बजट को उम्मीद से बेहतर बताया

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नई दिल्ली , सोमवार, 28 फ़रवरी 2011 (18:56 IST)
उद्योग जगत ने सोमवार को पेश वित्त वर्ष 2011-12 के आम बजट को स्वागत करते हुए इसे सकारात्मक और विकास की ओर ले जाने वाला बजट बताया। उद्योग जगत ने इस बात पर हैरानी जताई कि प्रमुख क्षेत्रों के के लिए उत्पाद शुल्क की दरों में बदलाव नहीं किया गया है।

उद्योग मंडल सीआईआई के अध्यक्ष हरि भरतिया ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कुल मिलाकर यह बजट विकास को बढ़ाने वाला और अच्छा है। इसमें पिछले साल की वृद्धि को ही इस बात का आधार नहीं माना गया है कि इससे हम आगे भी बढ़ते रहेंगे।

भरतिया ने हालाँकि कहा कि वित्तमंत्री को स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना चाहिए था। स्वास्थ्य को बुनियादी ढाँचा क्षेत्र का दर्जा दिए जाने की माँग को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि केरोसिन और खाद्य पर लक्षित सब्सिडी से सब्सिडी की बर्बादी को रोका जा सकेगा। भरतिया ने कहा कि आयकर प्रणाली के डिजिटलीकरण से कर आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

इसी तरह की राय जाहिर करते कोटक महिंद्रा बैंक के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा कि यह बजट शेयर और बांड बाजार के लिए सकारात्मक है। 4.6 प्रतिशत का राजकोषीय घाटा देखने में अच्छा आँकड़ा है। उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र को आशंका थी कि उत्पाद शुल्क में वृद्धि देखने को मिलेगी, पर इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

कोटक ने कहा कि बजट ने आश्चर्यजनक रूप से हमें खुश किया है। यह सामान्य उम्मीदों से बेहतर बजट रहा है। हालाँकि उन्होंने कहा कि आयकर छूट की सीमा को 1.60 लाख से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपए किया जाना एक ‘छोटा कदम’ है।

वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा कि हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए राष्ट्रीय मिशन का प्रस्ताव एक स्वागतयोग्य कदम है। इससे देश में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का विकास हो सकेगा और हमें इसका आयात नहीं करना होगा। बजट में हालाँकि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में कोई जिक्र नहीं है।

फ्यूचर समूह के प्रमुख किशोर बियाणी का कहना है कि सरकार ने बजट के जरिये यह दिखाने का प्रयास किया है कि वह आधुनिक रिटेल के महत्व को समझती है। बियाणी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने, शीत भंडारण में निवेश और कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम में सुधार की जो सिफारिश की गई है, ये सब संकेत सरकार की इच्छा को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री ने बजट में जो प्रस्ताव किए हैं, वे आगे आने वाली बातों का संकेत हैं।

इनाम सिक्योरिटीज के चेयरमैन वल्लभ भंसाली ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वित्तमंत्री सभी लोकलुभावन ताकतों से मुकाबला करने में सक्षम साबित हुए। उन्होंने जो किया है उससे मैं काफी खुश हूँ।

बजट के विभिन्न प्रस्तावों पर संतोष जताते हुए गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज ने कहा कि मेरे हिसाब से यह एक काफी संतुलित बजट है और यह विकास को बढ़ाने वाला है। यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है। वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने का प्रस्ताव काफी अच्छा है।

गोदरेज ने कहा कि आयकर छूट की सीमा बढ़ने से लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। कंपनियों के लिए अधिभार को 7.5 से घटाकर 5 फीसद किए जाने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि यह काफी इच्छित था। हालाँकि मैं चाहता हूँ कि अधिभार को पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट में कुछ भी नकारात्मक नहीं है।

आम बजट को संतुलित बताते हुए एचएसबीसी इंडिया की कंट्री प्रमुख नैना लाल किदवई ने कहा कि वित्त मंत्री ने विकास के एजेंडा को आगे बढ़ाने वाला बजट पेश किया है। किदवई ने कहा कि बजट में वित्तीय क्षेत्र के सुधारों को भी दिशा दी गई है। वित्तमंत्री ने जल्द कई लंबित विधेयकों को संसद में आगे बढ़ाने का वादा किया है।

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष राजन भारती मित्तल ने कहा कि बजट संतुलित तथा विकास की रफ्तार को कायम रखने वाला है। उन्होंने कहा कि इसमें कृषि और विनिर्माण क्षेत्र पर जोर दिया गया है। हालाँकि सभी उद्योग बजट प्रस्तावों से खुश नहीं है। खासकर लौह अयस्क खनन क्षेत्र से जुड़ा उद्योग। इस उद्योग को अब 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क देना होगा।

रूँगटा माइंस लि. के अध्यक्ष सिद्वार्थ रूंगटा ने कहा कि लौह अयस्क उद्योग 20 फीसद के निर्यात शुल्क का दबाव झेल नहीं पाएगा। इससे देश की निर्यात आय प्रभावित होगी। मोतीलाल ओसवाल के संयुक्त प्रबंध निदेशक रामदेव अग्रवाल ने कहा कि उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी नहीं होने से बाजार को बल मिला है। वाहन और बैंकिंग क्षेत्र बजट में निश्चित रूप से विजेता के रूप में उभरे हैं। (भाषा)

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