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बीमा प्रीमियम पर अलग से दें आयकर छूट

आम नागरिकों को होगा फायदा

हमें फॉलो करें बीमा प्रीमियम पर अलग से दें आयकर छूट
, बुधवार, 23 फ़रवरी 2011 (13:25 IST)
- मनीष उपाध्याय
भारत का दुनिया के जीवन बीमा कारोबार में 9वाँ स्थान है। यह तथ्य इस बात को बताने के लिए पर्याप्त है कि भारत में जीवन बीमा के प्रति लोग कितने निरुत्साही और सरकार का कितना प्रोत्साहन है।

देश के नागरिकों को जीवन बीमा सुरक्षा व वृद्धावस्था की सामाजिक सुरक्षा को प्रोत्साहित किया जाना है तो इसके लिए कम से कम रुपए 50 हजार तक के बीमा प्रीमियम (जीवन व स्वास्थ्य) पर आयकर में मौजूदा रुपए 1 लाख की छूट से अलग छूट दी जाना आवश्यक है। भारत में जीवन बीमा पेनिट्रेशन (निवेश या भेदन) मात्र 4.60 प्रतिशत ही है।

यानी 100 लोगों में से केवल 4.60 लोग ही बीमा कराते हैं।

सुरक्षा छाता जरूरी :
*देश में नए रोजगार पाने वालों के लिए पेंशन या वृद्धावस्था पेंशन जैसी कोई सामाजिक सुरक्षा स्कीम नहीं है।
*अब एकल परिवार अधिक हैं। संयुक्त परिवार में हादसा होने पर पूरा परिवार प्रभावितों को संभाल लेता है, लेकिन एकल में 'हादसा' वज्रघात होता है।
*भविष्य के लिए आय स्रोत की जरूरत बढ़ती जा रही है। इसके लिए जीवन बीमा पॉलिसी बढ़िया समाधान है।
*इससे इंश्योरेंस क्षेत्र की तरक्की होगी, जो देश की आर्थिक तरक्की में योगदान और लोगों को रोजगार देगी।

यह है मौजूदा स्थिति : वर्तमान में बीमा प्रीमियम पर निवेश में अब भी छूट मिलती है, किंतु यह कुल रुपए 1 लाख की छूटशुदा निवेश योजनाओं में ही शामिल है। इसमें भविष्यनिधि योगदान, एनएससी, बीमा प्रीमियम तथा 5 साल से अधिक की टैक्स सेविंग बैंक एफडी आदि शामिल है।

क्या होना चाहिए : आयकर अधिनियम के तहत रुपए 1 लाख की बचत सीमा से अलग रुपए 50 हजार से लेकर रुपए 1 लाख की छूट सीमा केवल बीमा पॉलिसी (जीवन व स्वास्थ्य) के प्रीमियम पर दी जाना चाहिए।

लाइफ में जिस तरह से रिस्क बढ़ती जा रही है और बचत भी घटती जा रही है, ऐसे में बीमा प्रीमियम पर अलग से रुपए 50 हजार तक की छूट दी जाए तो बेहतर होगा।- संजय गुप्ता, डायरेक्टर, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी।

बीमा पॉलिसी की प्रीमियम पर आयकर में छूट मौजूदा 1 लाख की छूट से अलग दी जाना चाहिए। इससे लोगों और बीमा कंपनियों दोनों को फायदा होगा। लोगों को जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा मिलेगी, वहीं हादसा होने पर सहायता मिलेगी या वृद्धावस्था के लिए निवेश होगा। -बीएम जोशी, सीनियर डिविजनल मैनेजर, एलआईसी, इंदौर।

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