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शेरो शायरी से लबरेज रहा रेल बजट

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नई दिल्ली , बुधवार, 14 मार्च 2012 (17:07 IST)
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ऐसा लगता है कि रेल मंत्रियों का रेल बजट भाषण और ‘शेरो शायरी’ का चोली दामन का साथ हो गया है। लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते अपने बजट में शेरो शायरी का जमकर इस्तेमाल किया और उस परंपरा को ममता बनर्जी ने आगे बढ़ाया तो आज अपना पहला रेल बजट पेश कर रहे दिनेश त्रिवेदी का भाषण भी कविताओं से लवरेज रहा।

त्रिवेदी ने यात्री किराए में बढ़ोतरी के परिप्रेक्ष्य में रेलवे के कठिनाई के दौर से गुजरने का जिक्र किया। उन्होंने तुकबंदी करते हुए कहा कि कंधे झुक गए हैं, कमर लचक गई है। बोझ उठा-उठा कर बेचारी रेल थक गई है, रेलगाड़ी को नई दवा, नया असर चाहिए।

इस सफर में मुझको आपका हमसफर चाहिए। रेल के लाभांश में केवल 1492 करोड रुपए का आधिक्य होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मंजिल अभी दूर है और रास्ता जटिल है, कंधा मिलाकर साथ चलें तो कुछ नहीं मुश्किल है।

साथ मिलकर जो हम पटरियां बिछाएंगे तो देखते ही देखते सब रास्ते खुल जाएंगे । ’’ लोकसभा में सदस्यों की वाहवाही और मेजों की थपथपाहट के बीच त्रिवेदी ने शेर सुनाने का सिलसिला यहीं नहीं रोका।

रेल मंत्री ने आगे ‘नया दौर’ फिल्म के मशहूर गीत 'साथी हाथ बढ़ाना' के कुछ अंश सुना डाले, 'फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाहें, हम चाहें तो पैदा कर दें चटटानों में राहें।'

जात-पात और छुआछूत के बंधन तोड़ने में रेलवे की बड़ी भूमिका को उन्होंने कुछ इस तरह बयां किया, 'देश की रगों में दौड़ती है रेल, देश के हर अंग को जोड़ती है रेल, धर्म जात पात नहीं मानती है रेल, छोटे-बड़े सभी को अपना मानती है रेल।

रेलवे को आगे बढ़ाने के लिए पुराने दृष्टिकोण में भारी बदलाव की आवश्यकता बताते हुए इसे देश की महान आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बनाने के दीर्घकालिक परिवर्तनों की बात करते हुए त्रिवेदी ने यह शेर पढ़ा, 'हाथ की लकीरों से जिन्दगी नहीं बनती अजी हमारा भी कुछ हिस्सा है जिन्दगी बनाने में।

त्रिवेदी ने भाषण की शुरुआत तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बार-बार दोहराए जाने वाले 'मां माटी मानुष' के बारे में कहा कि सबसे अधिक मैं मां, माटी, मानुष का आभारी हूं, जिनके आशीर्वाद से ही मैं इस संसद तक पहुंचा हूं। आमि मां माटी मानुष के आमार श्रद्धा, ओ आमारा प्रोनाम जानाई।

त्रिवेदी ने करीब पौने दो घंटे के अपने रेल बजट भाषण में शेरो शायरी का बखूबी सहारा लिया और कई मौकों पर सदस्यों की जमकर तारीफ बटोरी। रेल मंत्री ने जब गुजरात और कर्नाटक में रेल कोच फैक्टरी लगाए जाने की घोषणा की तो ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने अपने आगे की सीट पर बैठे दोनों रेल राज्य मंत्रियों भरत सिंह सोलंकी और के एच मुनियप्पा को बधाई दी। गौरतलब है कि सोलंकी गुजरात से और मुनियप्पा कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं।

भाषण के दौरान जब रेल मंत्री के लिए मेज पर पानी का गिलास लाकर रखा गया तो भाजपा के एक सदस्य ने चुटकी लेते हुए कहा कि मंत्री जी पानी तो पी लीजिए। इस पर त्रिवेदी ने तपाक से जवाब दिया, 'पानी पीने की जरूरत नहीं है।'

रेल बजट भाषण के दौरान संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, जनता दल यू के वरिष्ठ नेता शरद यादव, सपा नेता मुलायमसिंह जैसे कई वरिष्ठ नेता सदन में मौजूद नहीं थे।

भाषण के बीच कुछ सदस्यों ने हेडफोन के काम नहीं करने की शिकायत अध्यक्ष मीरा कुमार से की जिसे कुछ ही क्षण बाद दुरूस्त कर दिया गया।

त्रिवेदी ने लाल बहादुर शास्त्री से लेकर मधु दंडवते और ममता बनर्जी तक कई पूर्व रेल मंत्रियों के योगदान को याद किया। सदन में मौजूद लालू का नाम छूट जाने पर जब कई सदस्यों ने उनका इस ओर ध्यान आकर्षित किया तो उन्होंने कहा कि लालू जी का आशीर्वाद तो हमेशा उनके साथ रहा है।

पूर्व रेल मंत्रियों के योगदान पर रेल मंत्री ने एक शेर कुछ इस तरह पढ़ा : अब तक की कामयाबियां तुम्हारे नाम करता हूं। हर एक की लगन को सलाम करता हूं।

रेल बजट भाषण के दौरान लालू यादव ने कई बार अपने स्थान से खड़े होकर रेल मंत्री का ध्यान आकषिर्त करने का प्रयास किया। इस दौरान कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी अपने बगल में बैठे संदीप दीक्षित से कुछ विचार-विमर्श करते दिखे। (भाषा)

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