बजट : रक्षा बजट 30 हजार करोड़ रु. बढ़ा
नई दिल्ली , शुक्रवार, 16 मार्च 2012 (13:31 IST)
देश में सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की जरूरतों को पूरा करने के लिए आम बजट में करीब 30 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ रक्षा मंत्रालय का बजट एक लाख 96 हजार करोड़ रुपए से अधिक रखने का प्रस्ताव किया गया।रक्षा क्षेत्र के लिए नए हथियारों और साजो सामान की खरीदारी के लिए करीब अस्सी हजार करोड रुपए रखे गए हैं। इस तरह रक्षा बजट में 17.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि पिछले साल 11.58 प्रतिशत की बढ़ोतरी ही हुई थी।वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में अपने बजट भाषण में सदन को आश्वस्त किया कि अगर रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और भी धन की जरूरत होगी तो उसे बेहिचक उपलब्ध कराया जाएगा।पिछले साल रक्षा बजट एक लाख 64 हजार करोड़ रुपए था और आम तौर पर 10 प्रतिशत की बढोत्तरी के साथ इसके एक लाख अस्सी हजार करोड तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन इस बार रक्षा मंत्रालय को करीब दस हजार करोड़ रुपए अधिक दिए गए हैं। यह वृद्धि पूंजीगत खर्च में साफ दिखाई दी है।पिछले साल पूंजीगत यानी नई खरीदारियों के लिए 69 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान था जो इस साल बढ़कर 79 हजार 500 करोड़ रुपए पहुंच गया है।इसके बावजूद भारत का रक्षा बजट चीन के मुकाबले बहुत कम है जिसने हाल ही में रक्षा क्षेत्र पर 100 अरब डॉलर खर्च करने की घोषणा की है। चीन का अघोषित रक्षा बजट इससे कहीं अधिक हो सकता है।रक्षा मंत्री ने पिछले वित्त वर्ष में शत प्रतिशत राशि खर्च कर दी थी और तीन हजार करोड रूपये से अधिक की अतिरिक्त मांग की थी।रक्षा बजट में यह वृद्धि ऐसे समय की गई है जब अनेक रक्षा सौदे पाइप लाइन में हैं। इनमें वायु सेना के लिए 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से 126 लड़ाकू विमानों की खरीदारी, करीब दो अरब डॉलर की लागत से परमाणु पनडुब्बी की खरीदारी शामिल है।सेना ने तोपों का ऑर्डर दिया हुआ है और सेना और वायु सेना के लिए करीब 300 हेलीकॉप्टरों की खरीदारी होनी है। इसके अलावा भारत में ही 100 बोफोर्स तोपों के निर्माण का आदेश जारी किया गया है। (वार्ता)