रेल किराए में पांच रुपए का चक्कर....
नई दिल्ली , बुधवार, 14 मार्च 2012 (19:29 IST)
रेल बजट 2012-13 में यात्री किरायों को 5 रुपए के गुणकों में रखने की रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की नई नीति से यात्रियों को खुदरा ढूंढने के झंझट से मुक्ति मिल सकती है, लेकिन इससे यात्रियों की जेब भी थोड़ी हल्की होगी।रेल मंत्री ने उपनगरीय किरायों को 5 रुपए के निम्नतर या उच्चतर गुणकों के साथ पूर्णांकित करने का प्रस्ताव किया है जिसके तहत यदि नया किराया 11 या 16 रुपए बनता है तो वह क्रमश: 10 व 15 रुपया रखा जाएगा।इसी तरह, 12, 13 व 14 रुपए के किराए को 5 रुपए के उच्चतर गुणांक अर्थात 15 रुपए कर दिया जाएगा और 17, 18, और 19 रुपए का किराया 20 रुपए हो जाएगा।द्वितीय श्रेणी (गैर उपनगरीय) और इससे उपर के श्रेणी के किराए में की गई वृद्धि को 5 रुपए के उच्चतर गुणकों के साथ समायोजित किया जाएगा।रेल मंत्री ने इसके पीछे की सोच को समझाते हुए अपने बजट भाषण में कहा कि इससे टिकट खिड़कियों पर यात्रियों को चिल्लर की समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ेगा और लोगों को टिकट लेने के लिए लंबी लाइनों में ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि खुले पैसे न होने के कारण यात्रियों को अपने पैसे छोड़कर जाना भी एक आम बात है। इस समस्या का समाधान करने के लिए मैंने किराया संरचना में राउंड आफ प्रक्रिया (निकटतम 5 के गुणक) को शामिल करने का निर्णय किया है।त्रिवेदी ने कहा कि उपनगरीय यात्रियों के लिए कुछ मामलों में राउंड ऑफ प्रक्रिया के तहत छूट भी मिलेगी। उदाहरण के लिए ‘11 रुपए राउंड आफ करने पर 10 रुपए और 6 रुपये राउंड ऑफ करने पर किराया 5 रुपए हो जाएगा।’ इसी नीति के चलते, प्लेटफार्म टिकट और न्यूनतम किराया भी 5 रुपए कर दिया गया है। (भाषा)