मध्यप्रदेश बजट : गैस सिलेंडर, नमकीन सस्ता
, शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2013 (15:58 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री राघवजी ने वित्त वर्ष 2013-14 के लिए 92019.10 करोड़ रुपयों की कुल प्राप्तियों के अनुमान का वार्षिक बजट पेश किया, जिसमे 72.24 करोड़ रुपए के अधिक रहने की संभावना जताई गई है। इस वर्ष के अंत मे होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राघवजी ने रसोई गैस सिलेंडर और नमकीन पर लगने वाले राज्य के कर में कमी समेत अनेक घोषणाएं की है।बजट में कृषि, बिजली, सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क निर्माण, ग्रामीण विकास और अन्य ढांचागत सुविधाओ के विकास पर भी खासा ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने अपने डेढ़ घंटे से अधिक समय के बजट भाषण में बताया कि वर्ष 2013-14 के दौरान 92019.10 करोड़ रुपयों की कुल प्राप्तियां और 91946.86 करोड़ रुपए के कुल व्यय का अनुमान है। इस तरह शुद्ध लेन-देन धनात्मक 72.24 करोड़ रुपए रहेगा।वित्त मंत्री राघवजी ने कहा कि कर प्रशासन को पारर्दशी और औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति को अधिक आकर्षक बनाकर राज्य में पूंजी निवेश को आकर्षित करने तथा चालू उद्योगो को व्यावसायिक दृष्टि से सक्षम बनाने में सफलता मिली है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर दो वर्षों में औद्योगिक विकास दर मे तेजी से गिरावट आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि रसोई गैस की कीमत मे केद्र सरकार की ओर से जा रही वृद्धि के कारण गृहणियां राज्य सरकार से राहत की अपेक्षा कर रही है। इसलिए रसोईगैस सिलेडर पर प्रवेश कर की दर 6.47 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इससे राज्य को 80 करोड़ रुपयों की हानि का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012-13 के बजट प्रस्ताव में राज्यों के उद्योगो को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कतिपय उद्योगों को प्रवेश कर से छूट प्राप्त थी। इस छूट को अगले वर्ष भी निरंतर रखना प्रस्तावित है।वर्ष 2012-13 में प्रवेश कर के कर ढांचे को वेट के कर ढांचे के समरूप किया गया है। इससे प्लांट और मशीनरी पर प्रवेश कर की दर एक प्रतिशत से बढकर दो प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उपयोग हेतु क्रय किए जाने वाले प्लांट और मशीनरी पर प्रवेश कर का भार दो प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करना प्रस्तावित है। इससे लगभग 30 करोड़ रुपयों के राजस्व हानि की संभावना है।वित्त मंत्री राघवजी ने कहा कि वित्त वर्ष 2012-13 में इंजीनियरिंग उद्योगों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग में खपत होने वाले मेटल कास्टिंग, फेरस और नॉन फेरस मेटल एवं एलाय आयरन एवं स्टील को प्रवेश कर से छूट दी गई थी।इन मेटल्स के उत्पाद जैसे इनगॉट शीट वायर, रॉड वायर आदि का भी कच्चे माल के रूप मे मैन्यूफैक्चरिंग में उपयोग होता है। इसलि इन उत्पादों को भी मैन्यूफैक्चरिंग में उपयोग होने पर प्रवेश कर से मुक्त करना प्रस्तावित है जिससे लगभग एक करोड़ रुपए की वार्षिक हानि प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि मैन्युफैंक्चरिंग में उपयोग हेतु खरीदे गए लोहा और इस्पात को प्रवेश कर से मुक्त किया गया है। यह सुविधा लघु उद्योग निगम के माध्यम से खरीदी पर भी उपलब्ध है। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम की ओर से भी लघु उद्योगों को लोहा तथा इस्पात प्रदाय किया जाता है। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के माध्यम से खरीदी को भी प्रवेश कर से मुक्त करना प्रस्तावित है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्पोर्ट्स क्लब के द्वारा अपने नियमित सदस्यों के लिए आयोजित खेल गतिविधियों एवं मनोरंजन पार्क तथा थीम पार्क की गतिविधियों पर 20 प्रतिशत की दर से मनोरंजन कर देय है। इसे घटाकर दस प्रतिशत करना प्रस्तावित है। इससे एक करोड रूपयो की राजस्व हानि अनुमानित है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पुराने सिनेमाघर जो कि एक अप्रैल 2006 के पहले से स्थापित है और जिनकी टिकट 50 रुपए या इससे कम है और गैर वातानुकूलित है उन्हें मनोरंजन कर से छूट दी गई है। अब यह छूट नगर निगम सीमा के बाहर ऐसे वातानुकूलित सिनेमाघरो को भी देना प्रस्तावित है।वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक निवेश आकर्षित करने और उद्योगों को व्यावसायिक दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए सरकार ने करो में विशेष रियायते दी है। कृषि का उत्पादन बढ़ाने और इसे लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए भी सरकार प्रयास कर रही है जिसके लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने हेतु कुछ कर प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि गेंहू पर लागू क्रय कर की व्यवस्था धान पर भी लागू करना प्रस्तावित है। इससे लगभग 50 करोड़ रुपए का राजस्व आने की उम्मीद है। इसका भार किसानो पर नहीं पड़ेगा। इसी तरह वर्तमान मे केवल बार से मदिरा विक्रय पर ही वेट देय है। अब देशी और विदेशी मदिरा के समस्त विक्रयो पर पांच प्रतिशत की दर से वेट लगाना प्रस्तावित है। इससे लगभग 120 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अनुमानित है। वित्त मंत्री ने कहा कि कुल मिलाकर करो में दी गई रियायतो से लगभग 170 करोड़ रुपयों के राजस्व हानि और अतिरिक्त करारोपण से लगभग इतना ही अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने अपने भाषण के समापन में कहा है कि वर्ष 2004-05 के बजट के समय भी चुनौती थी और आज वर्ष 2013-14 के समय भी है। उस समय प्रदेश को बीमारूपन से बाहर निकालने की चुनौती थी। आज जब जनता में अभूतपूर्व विश्वास जगा है तो हर वर्ग की आशाओं और अपेक्षाओं में ज्वार आने के कारण चुनौतियां है। (वार्ता)