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विश्व सांस्कृतिक धरोहर स्थलों का होगा जीर्णोद्धार: जेटली

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, शनिवार, 28 फ़रवरी 2015 (15:46 IST)
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश बजट में देश के 25 विश्व धरोहर स्थलों पर सुविधाओं के विकास एवं जीर्णोद्धार करने के साथ आगमन पर वीजा सुविधा को 43 देशों से बढ़ाकर 150 देशों के यात्रियों के लिए करने का प्रस्ताव किया।

लोकसभा में वर्ष 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि देश के 25 विश्व सांस्कृतिक धरोहर स्थलों पर सुविधाओं की अभी भी कमी है और उनके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। इन धरोहर स्थलों पर सुरक्षा और शौचालय, प्रकाश व्यवस्था के साथ इनके आसपास के समुदाय के लिए लाभ की योजनाओं को बढ़ावा देने तथा भू-सौन्दर्यकरण, द्विभाषीय केंद्रों, पार्किंग, निशक्तजनों और आगन्तुकों के लिए सुविधाओं जैसे कार्यो को आगे बढ़ाया जाएगा।

वित्त मंत्री ने बजट में जिन धरोहर स्थलों पर काम शुरू करने के लिए संसाधन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया, उनमें पुराने गोवा के गिरिजाघरों और कॉन्वेन्टस, कर्नाटक के हम्पी, कुम्भलगढ़ और राजस्थान के किले, गुजरात के पाटन में रानी की वाव, जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में लेह पैलेस, उत्तर प्रदेश के मंदिरों के शहर वाराणसी, पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग, तेलंगाना के हैदराबाद में कुतुबशाही मकबरा शामिल है।

जेटली ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तथा विद्यालय परिसर में स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से स्वच्छता संबंधी सुविधाओं में सुधार के लिए स्वच्छ भारत कोष स्थापित करने, स्वच्छ भारत कोष एवं स्वच्छ गंगा निधि में अंशदान पर कोई कर नहीं लगाने का प्रस्ताव किया।

जेटली ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तथा विद्यालय परिसर में स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से स्वच्छता संबंधी सुविधाओं में सुधार के लिए स्वच्छ भारत कोष की स्थापना का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता संबंधी सुविधाओं में सुधार करने और गंगा नदी के संरक्षण के राष्ट्रीय प्रयासों में जनसाधारण की भागीदारी को बढ़ाने के लिए अधिनियम की धारा 80सी में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘इस उपबंध का भी प्रस्ताव है कि स्वच्छ भारत कोष में किसी दाता द्वारा दिए गए दान और स्वच्छ गंगा निधि में घरेलू दाताओं द्वारा किए गए दान की कुल राशि पर कोई कर नहीं लगेगा।’

जेटली ने हालांकि कहा कि कंपनी अधिनियम 2013 की धारा-135 की उपधारा 5 के अधीन निगमित सामाजिक दायित्व के लिए खर्च की गई राशि दाता की कुल आय से कटौती के योग्य नहीं होगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि के महत्व पर विचार करते हुए अधिनियम की धारा 10:23ग में संशोधन का प्रस्ताव है, जिससे स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि की आय को आयकर से छूट दी जा सके। ये संशोधन 1 अप्रैल 2015 से प्रभावी होंगे।

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