नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कामकाज सुधारने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को एक स्वायत्त ‘बैंक बोर्ड ब्यूरो’ के गठन का प्रस्ताव किया है ताकि विस्तार की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक को पूजी जुटाने में मदद की जा सके।
उन्होंने शुक्रवार को लोकसभा में 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि ब्यूरो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों की खोज और चयन करेगा। साथ ही उन्हें नवोन्मेषी वित्तीय तरीके और उपाय के संबंध में पूंजी जुटाने की योजनाओं अलग-अलग रणनीतियां विकसित करने में उनकी मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि यह बैंकों के लिए होल्डिंग एवं निवेश कंपनी स्थापित करने की दिशा में कदम होगा। इस मुद्दे पर ज्ञान संगम में विस्तृत चर्चा हुई थी जिसे पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया था।
बैंकरों की दो दिवसीय बैठक के दौरान वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों ने बैंक निवेश समिति (बीआईसी) और बैंकों में सरकारी निवेश का हस्तांतरण बीआईसी को करने का सुझाव दिया है। बीआईसी के गठन से आने वाले समय में सरकार को स्वामित्व 51 प्रतिशत से कम रखने और बैंक को वृद्धि के लिए पूंजी सृजन में मदद मिलेगी। (भाषा)