भारतीय रेलवेज, एशिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क के रूप में जाना जाता है। यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है जो एक ही मैनेजमेंट के अंतर्गत चलाया जा रहा है। रेलवेज के लिए देश में 115,000 किमी के ट्रैक बनाए जा चुके हैं। हर दिन करीब 12,617 ट्रेनों पर 23 लाख यात्री सफर करते हैं। भारतीय रेल ट्रैक की कुल लंबाई 64 हजार किलोमीटर से ज्यादा है। वहीं अगर यार्ड, साइडिंग्स वगैरह सब जोड़ दिए जाएं तो यही लंबाई 1 लाख 10 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा हो जाती है।
सबसे पहली हाई स्पीड ट्रेन :
विदित हो कि वर्ष 2014 में प्रति घंटे 160 किलोमीटर की दर से ट्रेन चलाने के लिए एक सफल परीक्षण हुआ था। इसके कुछ महीनों बाद फिर सेमी हाई स्पीड ट्रेन 'गतिमान एक्सप्रेस' का परीक्षण हुआ। इस ट्रेन ने मात्र 90 मिनट में दिल्ली और आगरा के बीच की दूरी पूरी की थी और इस दौरान करीब 30 मिनट की बचत की गई।
सबसे तेज और धीमी चलने वाली ट्रेन :
नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी इस समय सबसे तेज चलने वाली शताब्दी ट्रेन है। यह 150 किमी प्रति घंटे के हिसाब से फैजाबाद से आगरा पहुंचती है। इसके अलावा मेतुपलयम-ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन देश की सबसे धीमी चलने वाली ट्रेन में है। यह 10 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चलती है। भारतीय रेलें दिन भर में जितनी दूरी तय करती हैं, वह धरती से चांद के बीच की दूरी का लगभग साढ़े तीन गुना है।
गिनीज रिकॉर्ड बुक में :
इंडियन रेलवे के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को दुनिया के सबसे बड़े रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए गिनीज बुक्स में जगह मिली है।
पहली बार 1986 में हुआ कम्प्यूटरीकरण :
जुलाई 1986 में भारतीय रेल मंत्रालय ने कंप्यूटर पर भारतीय रेलवे की हर जानकारी और गतिविधि के लिए CRIS और ICRS जैसे संस्थानों की स्थापना की गई थी । इसके करह की घटना के बाद रेलबे के कम्प्यूटरीकरण की शुरुआत की गई थी ऑर इसकी तेजी से कम्प्यूटरीकरण को भी बढ़ावा मिला।
रेलवे का शुभंकर 2003 में भोलू हाथी को बनाया गया था :
भारतीय रेलवे का शुभंकर भोलू हाथी है, जिसको रेलवे ने गार्ड के रूप में दिखाया है। यह शुभंकर एक हाथी का कार्टून है, जो अपने हाथ में एक ग्रीन लैंप लिए हुए है। इसको रेलवे के द्वारा 150 साल पूरा होने पर 16 अप्रैल 2002 को बेंगलुरु में प्रदर्शित किया गया था। इसके एक साल बाद रेलवे ने साल 2003 में भोलू को आधिकारिक तौर पर अपना शुभंकर घोषित किया।
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सबसे बड़े, छोटे नाम वाले स्टेशन :
भारतीय रेलवे स्टेशन में सबसे छोटा नाम ओडिशा का इब (IB) रेलवे स्टेशन हैं जो सिर्फ दो शब्दों का है। वहीं सबसे बड़े रेलवे स्टेशन के नाम के रूप में वेंकटनरसिंहराजुवारिपटा (Venkatanarasimharajuvariipeta) रेलवे स्टेशन है। इस नाम में कुल 29 अक्षर हैं।
सबसे पुराना भाप का इंजन :
दुनिया का सबसे पुराने स्टीम इंजन से चलने वाली ट्रेन फेयरी क्वीन नई दिल्ली और राजस्थान के अलवर में चलती है। यह दुनिया का सबसे पुराना भाप वाला इंजन है। इस इंजन का नाम भी 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड' में शामिल हो चुका है। इसे अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हेरिटेज अवार्ड भी मिल चुका है।
111 जगह रुकती ये ट्रेन :
हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस 111 स्टॉपेज पर रुकती है। इसके अलावा दुनिया का सबसे लंबा 1366.33 मीटर का प्लेटफॉर्म गोरखपुर में है। इसके अलावा भारतीय रेलवे दुनिया का 9वां सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में भी जाना जाता है।
बिना रुके सबसे लंबी दूरी तक चलने वाली ट्रेन :
त्रिवेंद्रम-हजरत निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस बिना रुके सबसे लंबी दूरी तक चलने वाली ट्रेन है। यह ट्रेन 528 किलोमीटर (वडोदरा और कोटा) के बीच का सफर बिना रुके तकरीबन 6.5 घंटे में पूरा करती है।
चिनाब रेल ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज :
जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना रेलवे ब्रिज यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज है। यह ब्रिज दिल्ली के कुतुबमीनार से पांच गुना ऊंचा और फ्रांस के एफिल टावर से भी ऊंचा होगा। 1315 मीटर लंबा यह अंडर कंस्ट्रक्शन ब्रिज चिनाब नदी पर बक्कल और कौरी के बीच बनाया जा रहा है। यह 2016 में बनकर तैयार होगा।
आईआरसीटीसी के हिट्स 12 लाख प्रति मिनट तक :
भारतीय रेलवे की सहयोगी संस्था इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) को एक मिनट में 12 लाख हिट्स मिले थे। वहीं, 1 अप्रैल, 2015 को ऑनलाइन ट्रेन टिकट की बुकिंग के दौरान यह संख्या करीब 13.45 लाख प्रति मिनट के करीब पहुंच गया था।
भारतीय रेलवे के 4 साइट वर्ल्ड हेरिटेज में :
यूनेस्को ने भारतीय रेलवे के 4 साइट को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के तौर पर शामिल किया है। यूनेस्को की सूची में दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को 1999 में, मुंबई सीएसटी बिल्डिंग को 2004 में, नीलगिरि माउंटेन रेलवे को 2005 में और कालका-शिमला रेलवे को 2008 में शामिल किया गया।
दो राज्यों में बनी नवापुर रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग :
भारतीय रेलवे का नवापुर रेलवे स्टेशन दो राज्यों में बना हुआ है। इस रेलवे स्टेशन का पहला आधा हिस्सा महाराष्ट्र में है, जबकि दूसरा आधा हिस्सा गुजरात में है।