नई दिल्ली। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहले की तुलना में घटकर 7.1 प्रतिशत तथा अगले वित्त वर्ष में इसके 6.75 से सात प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया है। पिछले वित्त वर्ष में यह 7.6 प्रतिशत रही थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में मंगलवार को पेश वित्त वर्ष 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि इस वर्ष स्थिर बाजार मूल्य पर जीडीपी की विकास दर 7.1 फीसदी रहेगी। सरकार ने पिछले साल पेश आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर सात से 7.75 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
यह आंकड़ा केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के पहले अग्रिम अनुमान पर आधारित है और इसमें चालू वित्त वर्ष के सात-आठ महीनों के प्रदर्शन को आधार बनाया गया है। इस प्रकार इसमें नोटबंदी के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा किए गए उपायों से पर्याप्त मात्रा में नए नोटों के प्रचलन में आने से वित्त वर्ष 2017-18 में विकास सामान्य स्तर पर वापस आ जाएगा। इसलिए अगले वित्त वर्ष में विकास दर 6.75 से 7.75 प्रतिशत के बीच रहने का पूर्वानुमान है।
इसमें स्थिर निवेश में भी गिरावट का अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया है कि 2015-16 में स्थिर निवेश जीडीपी का 29.3 प्रतिशत रहा था जो चालू वित्त वर्ष में घटकर 26.6 प्रतिशत रह जाएगा। (वार्ता)