Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सरकार छीन सकती है चीनी पर सब्सिडी

Advertiesment
हमें फॉलो करें Budget 2017
नई दिल्ली , गुरुवार, 26 जनवरी 2017 (15:13 IST)
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली आगामी बजट में राशन की दुकानों से सस्ती चीनी बेचने के लिए राज्यों को दी जाने वाली 18.50 रुपए प्रतिकिलो की सब्सिडी समाप्त कर सकते हैं। इससे करीब 4,500 करोड़ रुपए की सब्सिडी बचेगी। जेटली आम बजट एक फरवरी 2017 को पेश करेंगे।
 
सूत्रों ने इस सोच के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि केन्द्र का कहना है कि नए खाद्य सुरक्षा कानून में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों के लिए किसी तरह की कोई सीमा नहीं रखी गई है। ऐसे में आशंका है कि राज्य सरकारें सस्ती चीनी का अन्यत्र भी उपयोग कर सकतीं हैं।
 
वर्तमान में योजना के तहत 40 करोड़ बीपीएल परिवारों का लक्ष्य रखा गया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत सालाना 27 लाख टन चीनी की जरूरत होती है।
 
मौजूदा योजना के मुताबिक राज्य सरकारें राशन की दुकानों से चीनी की सरकार नियंत्रित मूल्य पर आपूर्ति करने के लिए खुले बाजार से थोक भाव पर चीनी खरीदतीं हैं और फिर इसे 13.50 रुपए किलो के सस्ते भाव पर बेचतीं हैं। दूसरी तरफ राज्यों को इसके लिए केन्द्र सरकार से 18.50 रुपए प्रति किलो के भाव पर सब्सिडी दी जाती है।
 
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय से ऐसे संकेत हैं कि चीनी की मौजूदा सब्सिडी योजना को अगले वित्त वर्ष से बंद किया जा सकता है। 
 
इस बीच खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने वित्त मंत्री अरण जेटली को पत्र लिखकर कहा है कि चीनी सब्सिडी योजना को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाना चाहिये और कम से कम इसे अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों के लिए जारी रखा जाना चाहिए। यह योजना सबसे गरीब लोगों के लिए चलाई जाती है।
 
खाद्य मंत्रालय ने हालांकि, पहले ही राज्यों को इस बारे में संकेत दे दिये हैं कि केन्द्र सरकार अगले वित्त वर्ष से चीनी पर सब्सिडी वापस ले सकती है। राशन दुकानों के जरिये चीनी बेचने की पूरी लागत राज्यों को स्वयं उठानी पड़ सकती है।
 
लगातार दूसरे साल देश में चीनी का उत्पादन खपत के मुकाबले कम रह सकता है। वर्ष 2016-17 में इसके 2.25 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह उत्पादन चीनी की 2.50 करोड़ टन घरेलू जरूरत से कम होगा। हालांकि इस अंतर को पूरा करने के लिये पिछले साल का बकाया स्टॉक उपलब्ध है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार एनएसजी का दस्ता