नई दिल्ली। मंगलवार से शुरु होने जा रहे संसद के बजट सत्र में 21 नए विधेयक पेश किए जाएंगे और तीन अध्यादेशों के स्थान पर नए विधेयक लाए जाएंगे।
नौ फरवरी से 12 अप्रैल तक चलने वाले इस बजट सत्र में कुल 31 बैठकें होंगी। एक फरवरी को बजट पेश किया जाएगा और इससे संबंधित वित्त विधेयक पारित कराया जाएगा। वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित दो विधेयक भी इसी सत्र में पेश किए जाएंगे।
लोकसभा में सात और राज्यसभा में छह विधेयक लंबित हैं, जिन्हें इस सत्र के दौरान पारित कराया जाएगा। इसके अलावा 2017-18 की अनुदान मांगें और 2016-17 के लिए तीसरी पूरक अनुदान मांगें भी पारित कराई जाएंगी।
बजट सत्र के पहले चरण में नोटबंदी से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर विधेयक लाया जाएगा और वेतनमान भुगतान से संबंधित अध्यादेश की जगह वेतनमान भुगतान (संशोधन) विधेयक भी पेश किया जाएगा।
इससे पहले वेतन भुगतान विधेयक 2016 को वापस लिया जाएगा। इसके अलावा शत्रु संपत्ति से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर शत्रु संपत्ति संशोधन विधेयक 2016 भी पारित कराया जाएगा। यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है। अब इसे राज्यसभा को पारित करना है।
बजट सत्र में जो नए 21 विधेयक पेश किए जाएंगे उनमें मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) विधेयक 2017, भारतीय प्रबंधन संस्थान विधेयक, 2017 एवं फुटवियर डिजाइन एंड डेवलेपमेंट बिल 2017, तलाक संशोधन विधेयक, भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतनमान एवं सेवा सुविधाओं से संबंधित विधेयक, विमान संशोधन विधेयक, जनप्रतिनिधित्व कानून संशोधन विधेयक, अंतरराज्यीय जल विवाद (संशोधन) विधेयक और गर्भपात संशोधन कानून प्रमुख हैं।
राज्यसभा से पारित मानसिक स्वास्थ्य देखरेख विधेयक 2016 भी लोकसभा से पारित कराया जाएगा। इसके अलावा राज्यसभा से पारित मातृत्व लाभ (संशोधन विधेयक) भी लोकसभा से पारित कराया जाएगा। लोकसभा में लंबित मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2016 और उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2015, राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी (दूसरा संशोधन) विधेयक 2016 और संविधान (अनुसूचित जाति एवं जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2016 भी पारित कराया जाएगा।
लोकसभा से पारित व्हिसल ब्लोवर संशोधन विधेयक 2015, फैक्ट्री (संशोधन) विधेयक 2016, कर्मचारी मुआवजा (संशोधन) विधेयक 2016 भी राज्यसभा से पारित कराया जाएगा। इसके अलावा राज्यसभा में लंबित भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक 2013 और सशस्त्र सेवा न्यायाधिकरण (संशोधन) विधेयक 2012 एवं एचआईवी निरोधक एवं नियंत्रण विधेयक 2014 भी पारित कराया जाएगा। (वार्ता)