अक्सर छोटी उम्र में छात्र विषय का चयन कर लेते हैं लेकिन 12वीं के बाद उनके मन में ये सवाल उमड़ते हैं कि इस विषय से संबंधित किस क्षेत्र में उनके लिए ज्यादा स्कोप है। कई बार जानकारी के अभाव में वे गलत दिशा में आगे बढ़ जाते हैं। आपके मन में भी अगर ऐसे ही सवाल हैं तब आइए जानते हैं करियर काउंसलर सचिन भटनागर से कि युवा 12वीं के बाद किन क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं। पेश है सचिन भटनागर जी से इस विषय पर की गई बात।
फीजिक्स, कैमेस्टी, मैथ्स (पीसीएम) में क्या संभावनाएं हैं? - पीसीएम सब्जेक्ट में अधिकांश युवाओ का टार्गेट इंजीनियरिंग होता है। इसकी प्रवेश परीक्षाएं होती हैं। इसमें 12वीं के मेरिट प्रतिशत का भी एडवांटेज इसमें मिलता है। इंजीनियरिंग में करियर की काफी संभावनाएं होती हैं। पीसीएम के बाद फार्मेसी, कृषि, हार्टीकल्चर, डेयरी टेक्नालॉजी, बॉयो टेक्नोलॉजी, बॉयो इंर्फोमेटिक्स, जैनेटिक्स जैसे क्षेत्र में भी करियर बनाया जा सकता है।
बीसीए के बाद एमसीए भी किया जा सकता है। 12वीं के बाद एनडीए की परीक्षा भी दी जा सकती है। पीसीएम विषय के विद्यार्थियों के लिए सेना के अंगों में अवसर होते हैं। पीसीएम विषय के वि द्यार्थियों के लिए मरिन इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम, माइनिंग जैसे उभरते क्षेत्र भी हैं जिनमें करियर की काफी संभावनाएं हैं। पीसीएम विषय में ड्राइंग में रुचि हो तो आर्किटेक्ट भी बना जा सकता है।
बॉयोलॉजी (जीव विज्ञान) के क्षेत्र में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए करियर के क्या अवसर हैं? - बॉयोलॉजी विषय में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का पहला सपना मेडिकल में जाने होता है। मेडिकल में जाने के लिए प्रवेश परीक्षाएं होती है। एलोपैथी में एमबीबीएस, एमडीएस किया जा सकता है। मेडिकल में हौम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, सिद्धा, यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में भी करियर बनाया जा सकता है। फॉर्मेसी, डेयरी टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, हार्टीकल्चर में भी करियर के उजले अवसर हैं।
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बॉयो टेक्नॉलॉजी, बॉयो इन्फार्मेटिक्स ऐसे उभरते क्षेत्र हैं जिनमें करियर बनाया जा सकता है। माइक्रो बॉयोलॉजी में भी करियर के उजले अवसर रहते हैं। पैरामेडिकल व फीजियोथैरेपी के कोर्स भी किए जा सकते हैं। इनमें 12वीं के प्रतिशत के आधार पर या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इन कोर्सों को किया जा सकता है।
नर्सिंग का कोर्स भी किया जा सकता है। मेडिकल टूरिज्म के बढ़ने के कारण हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का पांच वर्षीय कोर्स भी किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस कॉलेज से आप कोर्स कर रहे हों अगर वह अच्छा है तो करियर संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
लॉ में वकालत के अलावा और क्या अवसर हैं? - लॉ वर्तमान में टॉप टेन करियर्स में आता है। लॉ का क्षेत्र बहुआयामी है। इसमें करियर के कई अवसर मौजूद हैं। अनुभव के बाद इसमें टीचिंग क्षेत्र में जाकर प्रोफेसर भी बना जा सकता है। फाइनेंस के क्षेत्र जैसे इनकम टैक्स, सेल टैक्स, टैक्सेशन में भी करियर बनाया जा सकता है। कॉर्पोरेट लॉयर भी बना जा सकता है। इसमें भी काफी अच्छे पैकेजेस होते हैं।
आजकल लीगल प्रोसेस आउट सोर्सिंग भी एक नया क्षेत्र है, जिसमें विदेशों की कंपनियों लॉ का कार्य भारत में एजेंसियों से करवाती हैं। इसके अलावा कुछ साल प्रैक्टिस के बाद आप सिविल जज की एक्जाम भी दे सकते हैं। जज बनने के बाद भी उजले अवसर होते हैं।
हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील के अंडर प्रैिक्टस करने से भी आपको बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। शुरुआत में सीखने पर ज्यादा ध्यान दें, जिससे आपकी जड़ें मजबूत हों ताकि आप एक ठोस करियर बना पाएं। लॉ में ग्रेज्युएशन और अनुभव के बाद प्रोफेसर के रूप में भी करियर बनाया जा सकता है। इसमें शिक्षा के क्षेत्र में विदेशों में भी अवसर उपलब्ध हैं।
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कॉर्पोरेट कल्चर को देखते हुए करियर की क्या तैयारियां होना चाहिए? - सबसे पहले तो अंग्रेजी का ज्ञान होना आवश्यक है। कम्प्यूटर और इंटरनेट पर कार्य करने का ज्ञान। टीम में कार्य करने की आदत, कार्य के प्रति ईमानदारी, सीखने की उत्सुकता आदि आजकल कॉर्पोरेट कल्चर में सहायक है। आजकल सभी जगहों पर इन गुणों को देखा जाता है।
वर्तमान में ऐसा कौनसा क्षेत्र है जहा करियर की असीम संभावनाएं हैं? - करियर के वर्तमान में हजारों ऑप्शन है। यह कहना ठीक नहीं होगा कि कौनसा करियर अच्छा है, कौनसा खराब। यह सभी निर्भर करता है कि हमारी क्या योग्यता है। जैसे स्पोर्ट्स का क्षेत्र ले लें, उसमें भी पैसा, फेम सभी कुछ है। संगीत के क्षेत्र में काफी पैसा। हमें हमारी योग्यता, हमारी स्कील्स, रुचि जैसी चीजों पर ध्यान देना होगा। हमारी स्कूली शिक्षा बहुत अच्छी हो। ईमानदारी, मेहनती, प्रयासरत रहें, ये सभी चीजें सफल करियर के लिए आधार होती हैं।
प्रशासनिक सेवाओं में जाने की क्या तैयारियां करनी चाहिए? - प्रशासनिक सेवाओं के लिए प्री में योग्यता (एप्टीट्यूट) टेस्ट लिया जाता है। इसके अंदर काफी विषय होते हैं। हिन्दी-अंग्रेजी पकड़ होना चाहिए। हमारा सामान्य ज्ञान, तार्किक क्षमता, अच्छे से निर्णय लेने की क्षमता, अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रख पाते हैं तो हम एक बेहतर प्रशासनिक अधिकारी बन सकते हैं। इसके लिए प्री, मेन्स और इंटरव्यू तीनों का सामना करना पड़ता है।
तैयारी फर्स्ट ईयर से ही करना जरूरी है। फाइनल ईयर में अध्ययनरत रहते हुए इसकी परीक्षा देनी होती है। एक अच्छा गुरु होना आवश्यक है, जो आपका मार्गदर्शन करे। कॉलेज के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट भी ज्वॉइन कर हम अपनी तैयारी कर सकते हैं।